वाराणसी: उदय प्रताप कॉलेज (यूपी कॉलेज) की जमीन पर वक्फ बोर्ड के दावे का लेटर वायरल होने के बाद लगातार विरोध जता रहे छात्रों के समर्थन में बुधवार को महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के छात्र भी आगे आए। काशी विद्यापीठ के पंत प्रशासनिक भवन के सामने चौराहे पर जुटे छात्रों ने वक्फ बोर्ड के खिलाफ जमकर नारेबाजी के बाद प्रतीक रूप से पुतला फूंक कर आक्रोश जताया। छात्रों के विरोध-प्रदर्शन की जानकारी पाते ही पुलिस अफसर भी फोर्स के साथ विद्यापीठ परिसर में पहुंच गए। वक्फ बोर्ड पर निशाना साधते हुए छात्रों ने एक स्वर से कहा कि बोर्ड बिना बुनियाद के ही जमीन पर दावा कर रहा है।
छात्रनेता आशुतोष तिवारी ने कहा कि वक्फ बोर्ड का गठन 1954 में हुआ है और यूपी कॉलेज की स्थापना 1909 में हुई थी। काॅलेज की जमीन बोर्ड की कैसे हो सकती है। छात्रनेता ने सरकार से मांग की कि वक्फ बोर्ड को तुरंत बर्खास्त करे। बोर्ड में बैठे लोगों के खिलाफ जांच कर सरकार कड़ी कार्यवाही करे।
छात्रनेता ने चेताया कि यदि ऐसे लोगों के खिलाफ कार्यवाही नही होती है तो आगामी शुक्रवार को हम सभी छात्र हजारों की संख्या में हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। छात्रों ने कहा कि वक्फ बोर्ड यूपी काॅलेज के जमीन के बाद महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ और सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के जमीन पर दावा कर सकता है। ऐसे में इसके खिलाफ कार्रवाही आवश्यक है।
वहीं, यूपी काॅलेज की जमीन को लेकर वायरल हो रहे वक्फ बोर्ड के पुराने लेटर से छात्रों में बढ़ रही नाराजगी को देख ज्ञानवापी की देख-रेख करने वाली कमेटी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने भी स्थिति को स्पष्ट किया है। संयुक्त सचिव के अनुसार उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि यूपी कॉलेज प्रशासन को जारी नोटिस वर्ष 2021 में ही निरस्त हो चुका है। ऐसे में कोई भी किसी के उकसावे में न आए और अफवाहों पर ध्यान न दे। 18 जनवरी 2021 को वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के आदेश पर नोटिस निरस्त कर दिया गया था।