आईएएस अधिकारी और निदेशक सूडा उमेश प्रताप सिंह के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ है। यह मुकदमा उनकी मृतक पत्नी अनीता सिंह के चचेरे भाई की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर पुलिस ने दर्ज किया है। इसके साथ ही मायके पक्ष के लोगों ने उन पर बेहद गंभीर आरोप भी लगाये हैं। शुक्रवार को प्रेस क्लब में प्रेसवार्ता कर परिजनों ने पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है।
उमेश प्रताप सिंह के साले राजीव सिंह ने चिनहट थाना में मुकदमा दर्ज कराया है। इसके बाद प्रेस क्लब में वार्ता की। उन्होंने आरोप लगाया है कि बहन अनीता को गोली लगने के बाद दो घंटे बाद पुलिस को सूचना दी गई है। मुझे गुरुवार की रात मुकदमा दर्ज करवाने के लिए डेढ़ घंटे तक चिनहट पुलिस ने बैठाये रखा। आरोप लगाया कि मुकदमा दर्ज दर्ज होने के बाद उमेश प्रताप सिंह ने उन्हें फोन पर केस वापस लेने की धमकी दी है, लेकिन मैंने मना कर दिया।
उन्होंने बताया कि जिन परिस्थितियों उनकी बहन मृत पाई गई, उस पर संदेह है। कई दिनों के प्रयास के बावजूद उन्हें पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट देखने नहीं दी जा रही है। इस पर उन्हें संदेह है कि पुलिस कोई खेल कर सकती है। ये ऐसा मामला है, जिसकी जांच सीबीआई से कराए जाने की आवश्यकता है।
सहायक पुलिस अधीक्षक सुकीर्ति माधव के मुताबिक, आईएएस अधिकारी उमेश प्रताप सिंह के साले ने हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। उन्होंने बताया कि घटना के दो घंटे बाद पुलिस को सूचना मिली थी। पूरे मामले को संदिग्ध मानते हुए हर एंगल से जांच कर रही है। मामले में पोस्टमार्टम और फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही अब स्थितियां साफ होंगी, तहकीकात की जा रही है।
वहीं, इस पूरे मामले को लेकर आईएएस अधिकारी उमेश प्रताप सिंह ने अपना पक्ष रखा है। उन्होंने बताया कि पत्नी अनीता पिछले दो वर्षां से अवसादग्रस्त थीं और उनका इलाज चल रहा था।
गौरतलब है कि चिनहट थाना क्षेत्र स्थित विकल्पखंड, गोमतीनगर में सूडा निदेशक उमेश प्रताप सिंह की पत्नी अनीता (42) की एक सितम्बर को घर में संदिग्ध हालत में गोली लगने से मौत हो गई थी। उस वक्त घर में उमेश प्रताप सिंह, बेटा आशुतोष सिंह, नौकर तुलसीराम और विकास नीचे के फ्लोर पर थे। आशुतोष का एक दोस्त भी घर पर मौजूद था।