दैनिक भास्कर ब्यूरो
पीलीभीत। डीसीओ ने गन्ना किसानों को अच्छी फसल लेने के लिए जरूरी निर्देश दिये है। इसके साथ ही वर्षा ऋतु में गन्ने पर मिट्टी चढ़ाने और बंधाई कराने की सलाह दी है। जिला गन्ना अधिकारी खुशी राम भार्गव ने किसानों को जून – जुलाई के महीनों में गन्ने की जड़ों पर मिट्टी चढ़ाना लाभदायक बताया है, उन्होंने कहा कि उसी प्रकार से गन्ने की बंधाई भी उत्पादकता व रिकवरी बढ़ाने में लाभदायक रहती है। गन्ने की अच्छी फसल 2-2.50 मीटर तक लम्बाई प्राप्त कर लेती है। लेकिन गन्ने के गिरने की सम्भावना बढ़ जाती है। इसलिए जरुरी है कि अगस्त-सितम्बर के महीनों मे बंधाई की जाये।
विभागीय आंकड़ों के अनुसार जनपद में 2.26 लाख गन्ना किसान है। लेकिन गन्ने की बंधाई मुश्किल से 25000 किसान करते है। अगस्त सितम्बर के महीनों मे तेज हवा एवं वर्षा से गन्ना गिर जाता है और इससे गन्ने की बढ़वार रुक जाती है। गिरे हुए गन्ने में चूहों व जंगली जानवरों का नुकसान बढ़ जाता है। फिर किसानों को उत्पादन भी कम मिलता है।
डीसीओ ने किसानों को बताये गन्ने से अधिक लाभ लेने के उपाय
गन्ने से रिकवरी 0.5ः कम हो जाती है। सूर्य का प्रकाश व वायु संचार कम होने से पैदावार कम हो जाती है। अंकुरित हो जाने के कारण गन्ना बीज के लिए अनुपयुक्त हो जाता है। बीमारी व कीट अधिक लगने से पेड़ी गन्ने में 25-30 प्रतिशत पैदावर कम मिलती है। किसानों को नुकसान से बचने के लिए अगस्त-सितम्बर में गन्ने की बंधाई अवश्य करना चाहिए। गन्ने की बंधाई मंे गन्ने की निचली सूखी पत्तियों का प्रयोग करना चाहिए।
प्रथम बंधाई 150 से 180 से. मी. की ऊंचाई पर करनी है। दो से तीन जड़ों को आपस में मिलाकर बंधाई होती है। गन्ने की दूसरी बंधाई अगस्त से सितम्बर के प्रथम सप्ताह में आमने सामने के थानो को मिलाकर कैचीनुमा करते है। कैचीनुमा बंधाई करने से तेज हवाएं खेत से पास हो जाती है व फसल गिरने से बच जाती है। गन्ने की पैदावार अच्छी होती है और जंगली जानवरों से होने वाले नुकसान में कमी आती है।