सुल्तानपुर । किशोरी से गैंगरेप के आरोप से जुड़े मामले में स्पेशल जज पाक्सो एक्ट पवन कुमार शर्मा की अदालत ने मुख्य आरोपी अंसार को दोषी पाते हुए 10 वर्ष के कठोर कारावास एवं 60 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। वहीं अदालत ने गैंगरेप की घटना में शामिल बताए गए पांच आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया है। एडीजे तृतीय/स्पेशल जज पाक्सो एक्ट अभय श्रीवास्तव की अदालत ने किशोरी से छेड़खानी के मामले में दो आरोपियों को दोषी ठहराते हुए चार-चार वर्ष के कारावास व 21हजार रुपये के अर्थदंड एवं सह आरोपी पिता को एक वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है।
पहला मामला बाजार शुकुल थाना क्षेत्र से जुड़ा है। इसी थाना क्षेत्र स्थित महोना पश्चिम गांव के रहने वाले अंसार के खिलाफ अभियोगी ने अपनी नाबालिग पुत्री को बहला कर भगा ले जाने के आरोप में 12 जून 2019 को मुकदमा दर्ज कराया था। घटना में अंसार के अलावा जाहिद,उसकी पत्नी रीना बानो, कमालुद्दीन,साजिद व विशाल मौर्य की भी संलिप्तता बताई गई थी। इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर पीड़िता के बयान व अन्य साक्ष्यों के आधार पर सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में फाइल की थी।
मामले का विचारण स्पेशल जज पाक्सो एक्ट पवन कुमार शर्मा की अदालत में चला। इस दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अपने साक्ष्यो एवं तर्को को प्रस्तुत कर सभी आरोपियों को बेकसूर बताने का पूरा प्रयास किया। वहीं अभियोजन पैरवी के लिए नियुक्त विशेष लोक अभियोजक विवेक सिंह ने अपने साक्ष्यो एवं तर्कों को प्रस्तुत कर सभी को दोषी ठहरा कर कड़ी सजा से दण्डित किए जाने की मांग की। उभय पक्षो को सुनने के पश्चात स्पेशल जज कुमार शर्मा ने मुख्य आरोपी अंसार को दोषी पाते हुए उसे 10 वर्ष के कठोर कारावास व 60 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। वहीं अन्य आरोपियों को अदालत ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है।
दूसरे मामले में कुड़वार थाना क्षेत्र स्थित बांसी गांव के रहने वाले जाहिद पुत्र फारुख व सह आरोपी आलम के खिलाफ 16 वर्षीय पीड़िता की मां ने एक जून 2018 की घटना बताते हुए मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक उसकी पुत्री घटना के समय मिर्चा के खेत में घास काटने गई थी, इसी दौरान आरोपी जाहिद व आलम ने उसके साथ छेड़खानी की, उसने बचाव के लिए आवाज लगाई तो आवाज सुनकर शिवमंगल सिंह बीच बचाव के लिए दौड़े तो आरोपियों ने उन्हें भी मारा-पीटा। मामले में जाहिद के पिता फारूख पर भी मारपीट करने का आरोप था। पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश पूरी की और कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। मुकदमें का विचारण एडीजे तृतीय/ स्पेशल जज पाक्सो एक्ट अभय श्रीवास्तव की अदालत में चला। इस दौरान बचाव पक्ष ने अपने साक्ष्यो एवं तर्को को प्रस्तुत किया।
वहीं विशेष लोक अभियोजक अभिषेक त्रिपाठी ने अपने साक्ष्यो एवं तर्कों को प्रस्तुत कर आरोपियों को दोषी ठहरा कर कड़ी सजा से दंडित किए जाने की मांग की। उभय पक्षो को सुनने के पश्चात स्पेशल जज अभय श्रीवास्तव ने आरोपी जाहिद व आलम को दोषी करार देते हुए चार-चार वर्ष के कारावास एवं कुल 21 हजार रुपये अर्थदंड कज़ सजा सुनाई है,वहीं सह आरोपी पिता फारुख को मारपीट का दोषी पाते हुए कोर्ट ने एक वर्ष के कारावास एवं 500 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। इन दिनों विशेष अदालतों की सक्रियता एवं आए दिन आ रहे ताबड़तोड़ फैसलों से यौन अपराधियो में दहशत का माहौल है और पीड़ित पक्षों का कोर्ट के प्रति विश्वास बढ़ा है।