सुल्तानपुर । जिले में निष्प्रयोज्य एवं खराब पड़े शौचालयों को फिर से ठीक कराकर उसे प्रयोज्य बनाया जाएगा । इसके लिए मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक ने रोट्रोफिटिंग सर्वे कराने का फरमान जारी किया है । जिले की सभी ग्राम पंचायतों में बनें निजी ( पर्सनल ) शौचालयों का रोट्रोफिटिंग सर्वे करने की जिम्मेदारी पंचायत सहायकों को सौंपी जाएगी । यह जानकारी मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक ने दैनिक ” भास्कर ” से हुई एक भेंटवार्ता दी।
ग्राम पंचायतों में बनें निजी शौंचालयों का होगा रोट्रोफिटिंग सर्वे
मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक ने बताया कि जिले भर की 979 ग्राम पंचायतों में बनें निजी ऐसे शौचालयों को रोट्रोफिटिंग सर्वे कराकर ठीक कराया जाएगा, जो खराब या फिर निष्प्रयोज्य हो गए हैं । खराब या निष्प्रयोज्य शौचालयों को प्रयोग में लाया जा सके , ताकि जिले में स्वच्छ भारत मिशन सफल हो । सरकार ने इसके लिए फरमान जारी कर दिया है ।
रोट्रोफिटिंग सर्वे करने की सारी जिम्मेदारी पंचायत सहायकों को सौंपी है । उन्होंने बताया कि पंचायत सहायक रोट्रोफिटिंग सर्वे का काम ऐप के माध्यम से करेंगे । रोट्रोफिटिंग सर्वे के काम में लगे पंचायत सहायक खराब या निष्प्रयोज्य शौचालयों की फ़ोटो खींच कर ” ई-ग्राम स्वराज पोर्टल ” पर अपलोड करेंगे ।ऐसा करना पंचायत सहायकों को अनिवार्य कर दिया गया है ।
निजी शौंचालयों की मरम्मत पर 5 हजार रुपए तक खर्च करने का आया शासन से आदेश
सीडीओ श्री कौशिक ने बताया कि खण्ड विकास अधिकारी (बीडीओ ) रोट्रोफिटिंग सर्वे के कार्य तथा रोट्रोफिटिंग निर्माण कार्य का अनुश्रवण व मूल्यांकन का कार्य करेंगे । सरकार ने उन्हें इसकी जिम्मेदारी सौंपी है । उन्होंने बताया कि निष्प्रयोज्यतथा खराब हो चुके शौंचालयों को ठीक कराने के लिए 500 रुपये से लेकर 5हजार रुपए तक खर्च किया जा सकेगा । यह आदेश शासन के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की तरफ से सूबे के सभी जिलाधिकारियों को जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए 15वें वित्त आयोग या मनरेगा कन्वर्जन से धनराशि खर्च की जा सकेगी । सीडीओ ने बताया कि सभी खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं । सर्वे का कार्य शीध्र शुरू हो जाएगा । रोट्रोफिटिंग सर्वे से जनता का बहुत फायदा होगा ।
रोट्रोफिटिंग सर्वे के कार्य की शासन ने दी पंचायत सहायकों को जिम्मेदारी
सीडीओ बोले — मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक ने बताया कि सुपर स्ट्रक्चर के कार्य पर 5हजार रुपए तक खर्च किया जा सकेगा । शौंचालयों कि आंतरिक दीवारों पर प्लास्टर कार्य के लिए एक हजार 812 रुपए ,प्लास्टर व छत के कार्यों पर एक हजार 812 रुपए , फर्श मरम्मत तथा टूटी शीट मरम्मत के लिए तीन हजार 625 रुपए , शौचालय का जंक्शन , चेम्बर या फिर पिट बनाने के लिए 500 रुपये , शौंचालयों के टूटे दरवाजे के लिए 18 सौ रुपए , दूसरा गढ्ढा ,टैंक तथा पिट निर्माण के लिए 4 हजार 850रुपये तक ख़र्च किये जा सकेंगे । इसके अलावा आउटलेट पर पिच तथा पिट निर्माण कार्य पर 8 हजार450 रुपए तथा शौंचालयों के गड्ढे , टैंक व पिट पर ढ़क्कन के लिए 1700 रुपये खर्च करने का प्रस्ताव है ।