सुल्तानपुर । मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक का ताबड़तोड़ निरीक्षण लगातार चल रहा है । मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक अपने निरीक्षण के क्रम में कुड़वार ब्लॉक के ओडीएफ प्लस ग्राम हाजीपट्टी पहुंचे और वहां निर्माणाधीन सोकपिट गडढे का आकस्मिक निरीक्षण किया । निरीक्षण के दौरान सोकपिट गडढे का निर्माण कार्य होता पाया गया। जिस पर सीडीओ ने नाराजगी जताते हुए जिम्मेदारों को निर्देशित किया कि निर्माणाधीन कार्य समयान्तर्गत गुणवत्तायुक्त कार्य पूर्ण कराया जाए ।
यहां निरीक्षण करने के बाद वे इसी ब्लॉक के गोवंश आश्रय स्थल डोमनपुर का आकस्मिक निरीक्षण किया । गोवंश आश्रय स्थल में एक अतिरिक्त शेड निर्माणाधीन तथा 23 गोवंश (13 नर तथा 10 मादा) संरक्षित और स्वस्थ्य पाये गये। सीडीओ श्री कौशिक ने निरीक्षण के दौरान मानक के अनुरूप गोवंश संरक्षित करानें एवं गोवंशो को ठंड से बचाव हेतु समुचित व्यवस्था कराने के आवश्यक निर्देश दिये ।
ओडीएफ प्लस गांव में निर्माणाधीन सोकपिट गढ्ढे का किया आकस्मिक निरीक्षण
सीडीओ अंकुर कौशिक ने निर्देशित करते हुए कहा कि गोवंश आश्रय स्थल में स्वच्छता, साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाये तथा पशुओं में फैलने वाली लम्पी नामक संक्रामक बीमारी से बचाव हेतु समस्त उपचार किये जायें। गोवंशों के खान-पान हेतु उचित प्रबन्ध किये जाये तथा दैनिक सत्यापन/निरीक्षण कर आवश्यक चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाये। उन्होने कहा कि पशुओं की निरन्तर जांच की जाये तथा बीमार पशु को स्वस्थ पशुओ से अलग रखा जाये जिनसे उनका और अन्य पशुओं को बीमारी से बचाया जा सके । गौशालाओ में मक्खी-मच्छरो से बचाव के लिये फिनाइल/फिटकरी एवं साइपरमेथ्रिन दवा का पशु बाडो में छिडकाव निरन्तर किया जाये। निरीक्षण के दौरान गौशाला में पशुओ का टीकाकरण भी कराया जाए ।
सीडीओ निरीक्षण से मची अफरातफरी
सीडीओ के निरीक्षण के समय कुल 23 गोवंश संरक्षित पाए गए। जिसमें 13 नर और 10 मादा गोवंश स्वस्थ एवं संरक्षित पाए गए । गोवंश आश्रय स्थल पर संरक्षित गोवंशों के लिए भूसा स्टॉक पंजिका का अवलोकन किया । सीडीओ ने चारा व दाना पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया । उन्होंने कहाकि संरक्षित गोवंशों को पर्याप्त मात्रा में चारा व दाना दिया जाय। खण्ड विकास अधिकारी को कहा कि गोवंशों को ठण्ड से बचाव के लिए उचित प्रबन्ध करें।
वहां उन्होंने गौवंशी पशुओं के लिए भूसा, हरा चारा, पानी, सफाई आदि व्यवस्थाओं का जायजा लिया। गौशाला में गौवंशी के भरण-पोषण के लिए भूसा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होने और प्रतिदिन हरा चारा की उपलब्धता कराए जाने के विषय में जानकारी भी ली। उन्होंने जिम्मेदारों को निर्देशित किया कि गौशाला में संरक्षित गौवंशों के सापेक्ष पर्याप्त मात्रा में भूसा की उपलब्धता सुनिश्चित कराएं। इसके साथ ही गौवंशों के रख-रखाव के लिए गौवंशों का स्वास्थ्य परीक्षण करते हुए आवश्यक उपचार दिया जाए ।