सुल्तानपुर। करीब सवा साल पहले चाउमीन खाने गयी 14 वर्षीय किशोरी के पास रुपये न होने पर उसे रुपयों की लालच देकर मार्केट में ले जाकर गैंगरेप करने के मामले में चार आरोपियों को स्पेशल जज पाक्सो एक्ट पवन कुमार शर्मा की अदालत ने दोषी करार दिया है। जिन्हें अदालत ने 25-25 वर्ष तक कठोर कारावास की सजा काटने एवं 50 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। वहीं अदालत ने गाली-गलौज व मारपीट के दो आरोपियों को साक्ष्य के आभाव में बरी कर दिया है।
मालूम हो कि कादीपुर कोतवाली क्षेत्र स्थित तवक्कलपुर नगरा के रहने वाले आरोपी अभिषेक अग्रहरि की दुकान पर इसी थाना क्षेत्र की रहने वाली एक 14 वर्षीय किशोरी 22 नवंबर 2021 को चाऊमीन खाने गई थी,लेकिन उसके पास पैसे नहीं थे। पीड़िता के पिता के मुताबिक जब आरोपी अभिषेक अग्रहरि को पता चला कि किशोरी के पास पैसे नहीं है तो उसकी मजबूरी का नाजायज फायदा उठाकर अभिषेक उसे रुपयों का लालच देकर पास में स्थित सुपर मार्केट में बुलाकर ले गया।
चाउमीन खाने गई किशोरी के साथ चार युवकों ने किया सामूहिक दुष्कर्म
फिर सुपर मार्केट में मौजूद एक कमरे में ले जाकर अभिषेक ने वहां पर अपने गांव के ही रहने वाले साथी दीपक अग्रहरी, शिवम अग्रहरि व शुभम अग्रहरी के साथ मिलकर पीड़िता के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। मामले में दुष्कर्म का आरोपी शुभम अग्रहरी स्थाई रूप से जौनपुर जनपद के सरपतहा थाना क्षेत्र का रहने वाला है और इस मामले में गाली -गलौज व मारपीट के आरोपी बताए गए आरोपी मंगल व बब्बू भी जौनपुर जिला स्थित सरपतहा थाना क्षेत्र के रहने वाले है।
आरोपियों के जरिए की गई गैंगरेप की घटना से पीड़िता बेहोश हो गई थी,पर जब उसे होश आया तो उसने अपने परिजनों से आप बीती बताई। इस मामले में घटना के अगले दिन 23 सितंबर 2021 को पीड़िता किशोरी के पिता की तहरीर पर स्थानीय कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ और आरोपियों की सामने आई भूमिका के अनुसार उनके खिलाफ आरोप-पत्र भी कोर्ट में दाखिल हुआ। आरोप-पत्र दाखिल होने के बाद प्रकरण का विचारण स्पेशल जज पाक्सो एक्ट पवन कुमार शर्मा की अदालत में चला। एक किशोरी के साथ ऐसी घटना को अंजाम देकर मानवता को शर्मसार कर देने वाले इस घिनौनी वारदात से जुड़े मामले के विचारण में स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा की अदालत ने भी पूरी सक्रियता दिखाई,नतीजतन सवा साल में ही मामले का फैसला आ गया।
मिली जानकारी के मुताबिक मामले के विचारण के दौरान आरोपियों के अनुचित प्रभाव की वजह से अभियोजन पक्ष के गवाहों ने कोर्ट में पूरी सच्चाई को भी नहीं बताया था,जिसके आधार पर बचाव पक्ष ने अपने साक्ष्यो एवं तर्कों को प्रस्तुत कर सभी आरोपियों को बेकसूर बताने का पूरा प्रयास किया। वहीं अभियोजन पक्ष से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक रमेश चन्द्र सिंह ने दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-164 के अंतर्गत हुए पीड़िता के बयान व विधि विज्ञान प्रयोगशाला से शुक्राणु मौजूद पाये जाने सम्बन्धी आई रिपोर्ट एवं अन्य उपलब्ध साक्ष्यो के आधार पर आरोपियों की सजा के लिए पर्याप्त सबूत होने का दावा करते हुए उनके अपराध को अत्यंत गम्भीर बताते हुए दोषी ठहराकर उन्हें कड़ी से कड़ी सजा से दंडित किए जाने की मांग की।
उभय पक्षो को सुनने के पश्चात स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा की अदालत ने ऐसे अपराधियो को देश व समाज के लिए घातक मानते हुए आरोपीगण अभिषेक अग्रहरि,दीपक अग्रहरि,शिवम अग्रहरि व शुभम अग्रहरि को दोषी करार देते हुए उन्हें 25-25 वर्ष के कठोर कारावास की सजा काटने एवं सभी को 50-50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। वहीं अदालत ने मारपीट व गाली-गलौज के आरोपी बब्बू व मंगल को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। इन दिनों अदालतों की सक्रियता की वजह से अपराधियों को ताबड़तोड़ सजा मिल रही है, जिसकी वजह से यौन अपराधियों समेत अन्य गंभीर अपराधों से जुड़े अपराधियों में दहशत का माहौल है और पीडित पक्षो में न्याय की उम्मीद जगी है।