सुल्तानपुर। ‘ हिन्दी दुनिया में सबसे तेज फैलने वाली भाषा है। साहित्य और संस्कृति के दायरे से बाहर आकर हिंदी अब बाजार की भाषा के रुप में स्थापित हो रही है। ‘ यह बातें राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि ने कहीं। वह महाविद्यालय के हिन्दी विभाग द्वारा विश्व हिन्दी दिवस पर ‘हिन्दी का वैश्विक परिदृश्य’ विषय पर आयोजित परिचर्चा को बतौर मुख्य वक्ता सम्बोधित कर रहे थे।
राणा प्रताप पीजी कालेज में विश्व हिंदी दिवस पर परिचर्चा
ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि ने विद्यार्थियों को बताया कि विश्व के अनेक देशों में पढ़ाई जाने वाली हिन्दी अब वैश्विक रोजगार और व्यवहार की भाषा है। अध्यक्षता करते हुए विभागाध्यक्ष इन्द्रमणि कुमार ने कहा कि अप्रवासी भारतीयों ने हिंदी को विश्व के कोने कोने में पहुंचाया है। हिन्दी हर भारतवासी को वैश्विक स्तर पर मान सम्मान दिलाती है। एसोसिएट प्रोफेसर डॉ रंजना पटेल ने कहा कि वैश्विक स्तर पर सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा में हिन्दी तीसरे स्थान पर है।
इंटरनेट पर भी हिंदी का चलन तेजी से बढ़ रहा है। रक्षा अध्ययन विभागाध्यक्ष डॉ हीरालाल यादव ने कहा कि देश विदेश के लोगों को हिंदी भाषा के विकास और उपयोग के बारे में समझाया जाना बेहद जरूरी है। इस अवसर पर बीए प्रथम वर्ष की विभु तिवारी,अंतिमा यादव ,बीए तृतीय वर्ष की रजिया बानो , मुस्कान यादव और सरिता प्रजापति ने भी अपने विचार रखे।