सुल्तानपुर । भ्रष्टाचार को आदर्श मान चुके ग्राम प्रधानों व सचिवों की जोड़ी ने आवास की पात्रता सूची में चहेतों व प्रभावशाली लोगों को रखने एवम आवास पात्र लोगों के नाम न रखने की कसम खा रखी है। जिसका नतीजा है कि बल्दीराय व धनपतगंज ब्लॉक में आवास बेवसाइट की सूची में अपात्रों की भरमार है और सैकड़ोंअपात्रों के खाते में आवासीय धन भी गया है । जिससे सरकारी धन की लूट मची है जो कि शासन के मंशा के विपरीत है ।आवासीय गड़बड़ी व घोटाला ब्लाक के नाम से चर्चित धनपतगंज ब्लॉक के मनमानी कर्मचारियों ने अवैध धन कमाने की चाहत में शासन की मंशा के विपरीत अपात्रों को आवासीय सूची में डाला है । जिनके बैंक खाते में रुपए भी आ गए हैं ।
ग्रामपंचायतों में ,दर्जनों अपात्र चहेतों के खाते में आ गया धन
भ्रष्टाचार का आलम यह है कि, आवासीय बेवसाइट इसलिए लॉक्ड रखी जाती है कि जिससे सूची में की गयी धांधली /फर्जीवाड़ा लोगों की जानकारी से दूर रहे । लगभग यही स्थिति विकासखण्ड बल्दीराय की भी है । जिम्मेदारों की मौन स्थिति भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं । देखा जाय तो धनपतगंज के अमऊजासरपुर, रसहरा ,फत्तेपुर ,जज्जौर ,जूडापट्टी ,पीरोसरैया ,रामनगर ,बरासिन , मझवारा ,लखनेपुर ,बरासिन ,इटवामलनापुर ,सरैयामाफी ,टीकर ,तथा बल्दीराय ब्लाक के रैंचा , मऊ ,बघौना ,चकशिवपुर ,शैनी ,अलियाबाद ,बल्दीराय ,सुखबड़ेरी ,भखरी , माफ़ियात ,जगदीशपुर गांवों में आवासीय सूची में जमकर धांधली हुई है ।
उक्त ग्रामसभाओं में ,आये आवास लाभर्थियों में , 50% अपात्रों को आवास बांटा गया गया है ।सूत्र तो यह बताते हैं कि जिला परियोजना निदेशक कार्यालय से ब्लाक के पटलसहायक व ग्रामपंचायत अधिकारियों का हिस्सा होता है ।इस संबंध में जब जिलाधिकारी रवीश गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामले की जांच कराके के विधिक कार्यवाही की जाएगी।