
सुल्तानपुर। जिले का प्रशासनिक अमला जहां डेंगू के प्रकोप से जंग लड़ रहा है। संचारी रोगों के नियंत्रण के लिए लोगों को स्वच्छता के प्रति जिले के अधिकारी जागरूकता का संदेश दे रहे है। लेकिन जिलाधिकारी कार्यालय परिसर कलेक्ट्रेट में ही जगह जगह गंदगियों का अंबार लगा है। यही नही कलेक्ट्रेट के भवन की छत पर भी झाल झंखाड़ उग आए हैं जो भवन को जर्जर करने में लगे हैं। लेकिन इस तरफ किसी भी जिम्मेदार का ध्यान नहीं जा रहा है।
भवनों की देखरेख में फिसड्डी साबित हो रहा नजारत
बताते चलें कि कलेक्ट्रेट परिसर की साफ सफाई एवम भवनों के रखरखाव की जिम्मेदारी नजारत अनुभाग की होती है। इसे चाहे कर्मचारियों का अभाव कहा जाय या नाजिर की अकर्मण्यता कि वह जिले के मुख्य प्रशासनिक भवन एवम उसके परिसर की ही देखरेख करने में फिसड्डी साबित हो रहा है। कलेक्ट्रेट परिसर में कर्मचारी कल्याण निगम के पीछे और बाउंडरी वाल के किनारे किनारे तथा पुराने सायकिल स्टैंड परिसर में गंदगियों का अम्बार लगा है जिससे दिन में ही बड़े बड़े मच्छर लोगों को काट रहे हैं।
जगह जगह गंदगी के लगे अम्बार
कलेक्ट्रेट परिसर में मूत्रालय का अभाव है जिसके कारण वकील मुंशी वादकारी यत्र तत्र मूत्र विसर्जित करते रहते हैं। नजारत के अकर्मण्यता का आलम यह है कि लाखों रुपये खर्च करके लगभग एक दशक पहले दिव्यांगों के लिए शौचालय का निर्माण कराया गया था। लेकिन निर्माण के बाद से ही अभी तक उदघाटन की बांट जोह रहा है और उसके दरवाजे पर अधिवक्ताओं ने कब्जा जमा लिया है।