सुल्तानपुर। वार्ड में तैनात नियमित संविदा व ठेका सफाई कर्मचारियों की दशा सुधरने का नाम नहीं ले रही। लाख मशक्कत के बाद भी शहर के वार्डो की सफाई व्यवस्था पटरी पर नहीं लौटी। सफाई विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार व जिम्मेदारों की संलिप्तता से स्थिति बहुत भयावह हो गई है। वार्डो में हाजिरी और नागे के नाम पर कर्मियों से हजारों रुपए की वसूली जारी है। वार्ड के सफाई नायक इसमें कहीं न कहीं संलिप्त हैं। सफाई कर्मी भी छुट्टी के नाम पर रुपया देकर घर बैठ जाते हैं। जिससे सफाई व्यवस्था ध्वस्त होती जा रही है। पालिका में तैनात इमरजेंसी गैंग की बात करें तो उसका कहीं अता पता नहीं है।
सूत्रों से पता चला है कि आधा दर्जन कर्मचारी चेयरमैन साहिबा की आवभगत में ही लगे रहते हैं। उनके घर से लेकर दुकान तक कर्मचारियों की तैनाती की बात उजागर हो चुकी है। जिसका पैसा नगरपालिका के खाते से जाता है। वीआईपी मूवमेंट को लेकर पालिका के जिम्मेदार वार्ड से आदमी हटाकर मुख्य मार्गों को सफाई करा कर अपनी कमियों पर पर्दा डालते हैं। वहीं अंदर की गलियों की सफाई व्यवस्था बर्बाद कर देते हैं। जिम्मेदार अधिशासी अधिकारी रबर स्टांप के रूप में काम कर रहे हैं। उनके द्वारा की गई हर जरूरी कार्यवाही को चेयरमैन के पति के हस्तक्षेप से चेयरमैन निरस्त कर देती है।
वे चाहकर भी कोई सटीक अनुशासनात्मक कदम उठा पाने में अभी तक सफल नहीं रहे। बात करें हाजिरी की तो पहले सभासद होने वाली हाजिरी को वेरीफाई करते थे। जिससे आने वाले कर्मचारियों को नागा नही होता था। बल्कि दंडित होने का डर रहता था। वार्ड में उपस्थिति और अनुशासन कायम था। चेयरमैन बबिता जायसवाल व उनके पति अजय जायसवाल के अनर्गल हस्तक्षेप के कारण वार्डो की सफाई व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। अजय जयसवाल के कुछ जेबी सफाई नायक लगातार उनके इशारे पर वार्ड की सफाई व्यवस्था बर्बाद करने में जुटे हुए हैं।
शहर के लगभग दर्जन भर वार्डों में बाकायदा जी सफाई व्यवस्था बर्बाद करने का काम नगर पालिका अध्यक्ष व उनके पति के इशारे पर किया जा रहा है। वर्तमान समय में फैले डेंगू मलेरिया टाइफाइड व अन्य रहस्यमई बीमारियों को लेकर चाहे विधायक चाहे जिलाधिकारी कितना भी गंभीर नजर आए वहीं उनकी सख्ती का भी नगरपालिका के सफाई विभाग में कोई असर नहीं रहा। यहां लगातार भ्रष्टाचार अनियमितता व जिम्मेदार कर्मचारियों की हेकड़ी का दौर जारी है।