सुल्तानपुर जिले में वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण काल के कारण दो सालों के बाद बड़े जोश-खरोश एव दीनी जज्बे के साथ नात और नारे तकबीर के सदा बुलन्द करते हुए मदहे सहाबा का जुलूस निकाला गया। इसके पहले हर्षोल्लास से अलविदा जुमा की नमाज अदा की गई। नमाज जमातुल विदा होने के बाद। प्रतिवर्ष की भाँति पैगम्बर मुहम्मद सल्लाहु अलैहि वसल्लम के खुल्फाय राश्दीन एव सहाबियों याद और शान में मदहे सहाबा जुलूस परम्परागत तरीके से चैक स्थित बीविया मस्जिद से निकाला गया।
जुलूस मौलाना उस्मान कासमी, मौलाना कसीम, मौलाना मताहरुस सलाम, मौलाना शोएब मिर्जा एवं शहर के तमाम उलेमायदीन अगुवाई में पुलिस बल की निगरानी में शांति के साथ निकाला गया। मौलाना ओसामा ने मदहे सहाबा जुलूस में रसूल सल्ल अलैहि वसल्लम और सहाबा के शान में नातिया कलाम पेश किया।
नारे तकबीर जुलूस मदहे सहाबा का नारा लगाते हुए जुलूस बिबिया मस्जिद से शाहगंज डाकखाना, गन्दनाला, आगरा मिष्ठान चैराहा, घण्टाघर, जामामस्जिद होते हुए खैराबाद स्थित जामिया इस्लामिया मदरसे पर खत्म हुआ। शिक्षक संघ नेता निजाम खान, मुफ्ती तौफीक हाफिज मोहम्मद अहमद, मोहम्मद रिजवान, सईद अहमद चांद, मून्ना नेता, असद अहमद, परवेज करीम, अलकमा, कारी अफजाल, कारी नदीम, हाफिज आलम मदहे सहाबा के शान में नातिया कलाम पेश किया।