सुल्तानपुर । मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के परीक्षण खंड के लिए उच्चाधिकारियों का आदेश कोई मायने नहीं रखता। एसई से लेकर निदेशक तक के निर्देशों को यह खंड लगातार ठेंगा दिखा रहा है। बावजूद इसके यहां के जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं हो रही है। नया मामला अधीक्षण अभियंता के एक आदेश से जुड़ा है, जिसमें घरों के बाहर मीटर लगाए जाने थे, लेकिन आदेश के दो माह बाद भी इसका क्रियान्यवन नहीं हो रहा है। लगातार सुर्खियों में बने मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के परीक्षण खंड का एक और कारनामा उजागर हुआ है। पूर्व में जहां मध्यांचल विद्युत वितरण के निदेशक (वाणिज्य) योगेश कुमार के पत्रांक संख्या 556 दिनांक 11.11.2022 के जरिए उपभोक्ताओं के परिसर से उतारे गए प्रत्येक मीटर की टेस्ट लैब में नियमानुसार ब्रॉडिंग का आदेश आया था । लेकिन इसको भी परीक्षण खंड के अभियंताओं ने हवा में उड़ा दिया।
एसई के आदेश का दो माह बाद भी अनुपालन नहीं
जब राजधानी से आए आलाधिकारी के आदेश का यहां के जिम्मेदारों ने पालन नहीं किया तो एसई के निर्देशों का क्रियान्वयन करना भी इनको बेईमानी लगा। पत्रांक संख्या 2880 दिनांक 12.12.2022 को अधीक्षण अभियंता राकेश प्रसाद ने यह आदेश जारी किया था कि नए कनेक्शनों, आईडीएफ और आरडीएफ हो चुके बिलिंग के मीटर उपभोक्ता के परिसर से बाहर लगाए जाएं। यह आदेश परीक्षण खंड के लिए था। जिसके ऊपर मीटर लगाने की जिम्मेदारी है। आदेश की प्रतियां विद्युत वितरण खंड प्रथम, द्वितीय, जयसिंहपुर, कादीपुर और लम्भुआ को भी भेजी गई थी। एसई के आदेश को लगभग दो माह होने को हैं, लेकिन परीक्षण खंड के उपभोक्ता के परिसर के बाहर मीटर लगाने में नाकाम है।
हालांकि इस दौरान इन दो महीनों में सैकड़ों नए कनेक्शन हुए होंगे और 478 आईडीएफ मीटर अकेले शहर में चिन्हित हुए हैं। इस संबंध में परीक्षण खंड के अधिशासी अभियंता एके सिंह तोमर का जवाब अजीबो-गरीब है। उन्होंने कहाकि मीटर जीएमटी लगाते हैं, कुछ मीटर घर के बाहर लगाए गए हैं, लेकिन कितने इसका उनके पास कोई उत्तर नहीं था। उधर, अधीक्षण अभियंता राकेश प्रसाद का कहना है कि निर्देशों की अवहेलना करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।
सावधान रहे उपभोक्ता
उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन लिमिटेड के आदेश्ज्ञ के अनुपालन में जिले में विद्युत उपभोक्ता पहचान व समाधान पखवारा बीते एक फरवरी से पंद्रह फरवरी तक चलाया जा रहा है। जिसमें समस्त उपभोक्ताओं के केवाईसी डाटा अपडेट करने की कार्यवाही की जा रही है। यह जानकारी अधीक्षण अभियंता राकेश प्रसाद ने दी। उन्होंने बताया कि केवाईसी के लिए विभाग द्वारा केवल मोबाइल नंबर, व्हाट्सएप नंबर, ईमेल आईडी तथा कनेक्शन संख्या ही मांगी जा रही है। अन्य किसी भी प्रकार की सूचना जैसे बैंक खाता संख्या, डेबिट कार्ड संख्या एवं ओटीपी किसी को भी नहीं दिया जाना है। उन्होंने बताया कि संज्ञान में आया है कि हैकरों द्वारा इस प्रकार के मैसेज किए जा रहे हैं कि कनेक्शन कट जाएगा, तत्काल मोबाइल पर बात करें। उन्होंने उपभोक्ताओं से सावधान रहने की अपील की है।