सुल्तानपुर : शिकायतकर्ता को पीटने का मामला जा पहुंचा कोर्ट

सुल्तानपुर। बीएसए दीपिका चतुर्वेदी व चार विभागीय कर्मियों के खिलाफ नामजद एवं 4 -5 अज्ञात आरोपियों के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराने को लेकर पड़ी शिकायतकर्ता ने अर्जी लगाई है । जिस पर प्रभारी सीजेएम सपना त्रिपाठी ने कोतवाल नगर से 20 मार्च को रिपोर्ट तलब की है । मामले के अनुसार कोतवाली देहात थाना क्षेत्र अंतर्गत स्थित बेलामोहन गांव के रहने वाले सुरेश प्रताप सिंह ने कोर्ट में बीएसए दीपिका समेत अन्य के खिलाफ कई गम्भीर आरोप लगाए हैं । अभियोगी सुरेश प्रताप सिंह ने बीएसए समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ विभिन्न मामलो में कार्रवाई की मांग करने पर मार-पीट करते हुए धक्का देकर कार्यालय से बाहर निकालने समेत अन्य गंभीर आरोप लगाते हुए केस दर्ज करने की अर्जी कोर्ट में दी है ।

बीएसए और मातहत ने शिकायतकर्ता की ऑफिस में की थी पिटाई

वहीं जिसमें प्रभारी सीजेएम सपना त्रिपाठी ने मामले की गम्भीरता देखते हुये कोतवाली नगर से रिपोर्ट तलब करते हुए अगली सुनवाई 20 मार्च को तय की है । अभियोगी के मुताबिक बेसिक शिक्षा अधिकारी दीपिका चतुर्वेदी और उनके मातहतों द्वारा किए गये कृत्य का खुलासा घटना स्थल पर लगे सीसीटीवी फुटेज से हो सकता है । शिकायतकर्ता ने घटना की पुष्टि और साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ का खतरा बताया है । आरोप यह भी है कि अनुचित लाभ पाने के लिए आरोपी सीसीटीवी फुटेज के साथ छेड़छाड़ कर सकते है । पुलिस की सक्रियता से साक्ष्य जुटाया जा सकता है ।

अभियोगी सुरेश प्रताप सिंह के मुताबिक अपने प्रकरण में बेसिक शिक्षा निदेशक के निस्तारण आदेश 12 मार्च 2021 के बावत बीते 16 नवम्बर को सहायक बेसिक शिक्षा निदेशक -अयोध्या के पास विरोध में भेजी गई आख्या के संबंध में बीएसए से जानकारी करने गया था । सुरेश के मुताबिक इस दौरान अभियोगी ने अपने अनुमोदन को बहाल करने के लिए मांग की , तो बीएसए ने अनुचित डिमांड की । आरोप के मुताबिक डिमांड पूरी कर पाने में असमर्थता व्यक्त करने एवं बीएसए के अधिकार से परे यह बात होने एवं हाईकोर्ट में मामला विचाराधीन होने सहित अन्य तथ्यों को रखने पर बीएसए दीपिका चतुर्वेदी के जरिए पूर्व बीएसए कौस्तुभ कुमार सिंह के कार्यकाल में हुई समस्त नियुक्तियों को निरस्त करने की बात कही गई । जबकि अभियोगी के मुताबिक उसका प्रकरण पूर्व बीएसए कौस्तुभ सिंह के कार्यकाल से संबंधित नहीं है ।

इसके अलावा अभियोगी ने नेशनल गर्ल्स जूनियर हाई स्कूल-लाला का पुरवा की प्रधानाध्यापिका तसनीम फातिमा के विरुद्ध फर्जी अभिलेखों के आधार पर की जाने वाली नौकरी की विभिन्न जांचों में पुष्टि होने के बावजूद कार्रवाई एवं रिकवरी ना होने एवं तीन अन्य नियुक्तियों के बावत बीएसए से वार्ता करने गया था । जन सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत मांगी गई सूचना ना प्राप्त कराने की भी बीएसए से शिकायत की थी । सुरेश के मुताबिक इन्हीं सब कार्रवाइयों के बावत वार्ता व अनुरोध करने पर बीएसए ने जान से मरवा देने की धमकी एवं स्वयं को एक महिला होने की बात कहकर अनुचित लाभ उठाने की धमकी दी थी ।

आरोपों में बीएसए के अलावा उनके कार्यालय में कार्यरत लिपिक आदिल नसीम, विभागीय कर्मी अनुज कुमार सिंह, अविनाश कुमार श्रीवास्तव, विपिन कुमार सिंह व अन्य सहयोगियों के खिलाफ मारपीट करने व धक्का देते हुए कार्यालय से बाहर करने समेत कई अन्य गम्भीर आरोप लगाते हुये आरोपियों से अभियोगी ने जान का खतरा बताया है । आरोप केमुताबिक कोतवाली नगर पुलिस व उच्चाधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई तो अभियोगी ने कोर्ट की शरण ली । अभियोगी सुरेश प्रताप ने अधिवक्ता संतोष कुमार पांडेय के माध्यम से याचिका दाखिल की है । कोर्ट से बीएसए समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर निष्पक्ष जांच कराने के लिए मांग की है । नगर कोतवाल से कोर्ट ने 20 मार्च को रिपोर्ट तलब की है । जानकारों के अनुसार रिपोर्ट आ जाने पर मामले में बहस होगी। जिससे आरोपियों की मुश्किलें बढ़ सकती है ।

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