इसौली में बजरंगी ने मारी बाजी, सुलतानपुर में रहा कांटे का संघर्ष
कांग्रेस का निराशाजनक प्रदर्शन- विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रियंका गांधी बढ़ेरा के नेतृत्व में जोर शोर से मैदान उतरी थी। लेकिन मतदाताओं को समझा पाने में नाकाम दिखी और सभी विधानसभा क्षेत्रों में उसके प्रत्याशियों की जमानते जब्त हो गयी। सदर जयसिंहपुर में कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक सिंह राणा तीन हजार के करीब मत ही पा सके।
खिसक गये बसपा के वोटर- मतगणना से यह साबित हो चला कि बसपा के वोटर अब खिसक गये हैं। इसौली में जहां पूर्व में यशभद्र सिंह मोनू ने निर्दलीय चुनाव लड़कर जितने वोट हासिल किए थे उतने इस बार बसपा के टिकट पर चुनाव लड़कर हासिल नहीं कर पाए। यही हाल सदर जयसिंहपुर से दो बार बसपा विधायक रह चुके ओ0पी0सिंह का रहा। वे इस बार पुनः बसपा में वापसी करके चुनाव लड़े और मतदाताओं को समझा पाने में कामयाब नहीं हुए। जिसके चलते उन्हें करारी हार का मुंह देखना पड़ा।
सुलतानपुर। जिले के पांच विधानसभा क्षेत्रों की मतगणना में शुरू से भाजपा बढ़त बनाती रही। शुरूआत में सपा का गढ़ माने जाने वाले इसौली में भाजपा की सपा से टक्कर होती दिखी। लेकिन धीरे धीरे समाजवाद का किला दरकने लगा और शाम होते-होते ओम प्रकाश पाण्डेय बजरंगी ने किले को ध्वस्त कर विजय का भगवा पताका फहरा दी। वहीं दूसरी तरफ सुलतानपुर विधानसभा क्षेत्र में पूर्व मंत्री एवं जिले के कद्दावर नेता विनोद सिंह को समाजवादी अनूप सण्डा से कड़ा संघर्ष करना पड़ा। हर राउण्ड में दोनों लोग एक दूसरे से आगे पीछे होते रहे। लेकिन सदर जयसिंहपुर और कादीपुर सुरक्षित क्षेत्र में जहां भाजपा के विजय का पहिया अपनी गति से दौड़ रहा था तो वहीं लम्भुआ विधानसभा क्षेत्र में भाजपा विधायक सीताराम वर्मा शनैः शनैः जीत की मंजिल की तरफ बढ़ रहे थे। खबर लिखे जाने तक कादीपुर व सदर जयसिंहपुर के भाजपा प्रत्याशियों को विजयी घोषित कर दिया गया था। इसौली और लम्भुआ में भाजपा प्रत्याशी निर्णायक बढ़त बना लिए थे। जबकि पूर्व मंत्री विनोद सिंह और पूर्व विधायक अनूप सण्डा में एक दूसरे को पछाड़ने की होड अंतिम समय तक़ लगी रही। लेकिन अंत में विनोद सिंह जीत हासिल करने में कामयाब हो गए।
गुरूवार को अमहट के नवीन मण्डी स्थल पर विधानसभा चुनाव की मतगणना कड़ी सुरक्षा में शुरू हुई। पहले पोस्टल बैलेट मतों की गिनती के बाद ईवीएम की गणना शुरू हुई। बीते 2017 के चुनाव में भाजपा ने चार सीटों पर जीत हासिल की थी। केवल इसौली में सपा के अबरार अहमद ने लगातार दूसरी जीत दर्ज की थी। जबकि इस बार इसौली में ही सबकी निगाहें लगी हुई थी। मतगणना की शुरूआत से ही इसौली में भाजपा प्रत्याशी ओम प्रकाश पाण्डेय बजरंगी को सपा के मोहम्मद ताहिर से कड़़ी टक्कर मिल रही थी। बसपा प्रत्याशी यशभद्र सिंह मोनू उनके पीछे पीछे लगे थे। भाजपा प्रत्याशी बजरंगी धीरे धीरे सपा प्रत्याशी को पीछे करते हुए शाम तक निर्णायक बढ़त हासिल कर लिए। जिसके बाद सपा प्रत्याशी मतगणना स्थल से बाहर निकल आये इसौली के जनादेश को स्वीकार करते हुए चले गए। कादीपुर के भाजपा प्रत्याशी राजेश गौतम ने मतगणना में तेजी से बढ़त बनाते हुए सबसे पहले सपा प्रत्याशी को हराकर अपनी विजय पताका फहराई। सदर जयसिंहपुर के राजप्रसाद उपाध्याय ने सपा प्रत्याशी पूर्व विधायक अरूण वर्मा को हराया। उधर लम्भुआ में पूर्व विधायक संतोष पाण्डेय को हराकर विधायक सीताराम वर्मा ने जीत दर्ज की। सुलतानपुर विधानसभा क्षेत्र में समाजवादी अनूप सण्डा से भाजपा प्रत्याशी पूर्व मंत्री विनोद सिंह को कड़ी टक्कर मिली। अन्ततः मामूली अन्तर से विनोद सिंह जीतने में कामयाब हुए।
सदर जयसिंहपुर का तिलिस्म रहा बरकरार- इस बार के विधानसभा चुनाव में भी सदर जयसिंहपुर का तिलिस्म बरकरार रहा। जो आज तक सही साबित होता आ रहा है। सदर जयसिंहपुर से जीतने वाली पार्टी की उत्तर प्रदेश में सरकार बनती रही है। दो बार यहां से बसपा के टिकट पर ओपी सिंह निर्वाचित हुए तो दोनों बार सूबे में बसपा की सरकार बनी। सपा से अरूण वर्मा विधायक बने तो सपा की प्रदेश में सरकार बनी। वर्ष 2017 में सीताराम वर्मा भाजपा से विधायक बने तो सूबे में योगी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी। इस बार भाजपा के राज प्रसाद उपाध्याय चुने गये तो पुनः प्रदेश में भाजपा ने प्रचण्ड बहुमत हासिल कर सरकार बनाने जा रही है।