सुल्तानपुर। बीते17 दिसंबर को जयसिंहपुर थाना क्षेत्र के एक प्रसूता महिला को जब जिला महिला चिकित्सालय में तैनात स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डा0 आस्था त्रिपाठी ने ऑपरेशन थिएटर से 25हजार रिश्वत न पाने पर घसीट कर बाहर कर दिया तो महिला चिकित्सक की बेरहमी से आहत होकर पीडि़त परिजनों ने प्राइवेट नर्सिंग होम ले जाकर प्रसूता का ऑपरेशन कराया और मामले की शिकायत 20 दिसम्बर 22 को जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर किया।
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घटनाक्रम के अनुसार हिंदी दैनिक अखबार विधान केसरी के जिला संवाददाता रवि दूबे से मुलाकात कर आपबीती सुनाई और जिलाधिकारी को दिए शिकायत की एक प्रति देकर खबर प्रकाशित करने की बात कही। खबर के पहले अंक के प्रकाशित होने से बौखलाई महिला चिकित्सक डा0 आस्था त्रिपाठी ने अपने सहयोगियों से कहा कि शिकायतकर्ता को बुलाओ नहीं तो पत्रकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएंगे। खबर प्रकाशित होने के दूसरे दिन महिला चिकित्सक ने शिकायत कर्ता को अपने कार्यालय में बुलाया और कहा कि सादे पन्ने पर साइन कर दो जब वह हस्ताक्षर करने से मना कर दिया तो, धमकी देते हुए कहा कि शिकायतकर्ता और पत्रकार पर दूसरे दिन मुकदमा अवश्य दर्ज कराउंगी।
आखिर कार महिला चिकित्सक ने विधान केसरी के पत्रकार रवि दुबे पर मुकदमा अपराध संख्या 1297/ 22 धारा 353 व 386 अवैध वसूली करने जैसे गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया। मामले की जानकारी होने पर पत्रकारों का एक दल संगठन के जिलाध्यक्ष की अगुवाई मे जिलाधिकारी से मिलकर पुलिस द्वारा गरीबों की आवाज उठाने वाली पत्रकार पर किए गए फर्जी मुकदमे को खत्म करने की बात कही। जिला अधिकारी रवीश गुप्ता ने मामले को गंभीरता से लेते हुई पत्रकार पर हुए फर्जी मुकदमे को एसपी से मामला खत्म करने का आदेश किया है।
वही दूसरी तरफ पत्रकारों का दल पुलिस कप्तान सोमेन बर्मा से मिलकर आपबीती सुनाई तो पुलिस कप्तान ने मामले को नगर कोतवाल राम आशीष उपाध्याय को कहा कि, चैथे स्तंभ पर किसी भी तरीके से बिना जांच किए मुकदमा दर्ज नहीं होना चाहिए। पुलिस कप्तान द्वारा दिए गए आदेश पर पत्रकारों के संगठन ने सराहना की। अध्यक्ष डा अवधेश शुक्ला, अनुराग द्रिवेदी, श्री प्रकाश पाण्डेय, आशीष मिश्रा, शिव कुमार दूबे, विजय पाण्डेय, रवि दूबे समेत दर्जनों पत्रकार मौजूद रहे।