सुल्तानपुर । ” कुछ लोग हैं जो वक़्त के सांचे में ढल गए , कुछ लोग हैं जो वक़्त के सांचे बदल गए ” कुछ ऐसी ही हैं जिले की महिला थाना प्रभारी women police officer chitra singh महिला पुलिस अधिकारी चित्रा सिंह । जी हां ! हम आपको ऐसी जांबाज महिला अधिकारी से रूबरू करा रहें हैं जो पिछले कुछ वर्षों से महिला अपराध , महिला उत्पीड़न और बाल विवाह रोकने के लिए सतत प्रयासरत हैं और सामाजिक कुरीतियों पर अंकुश लगाने के लिए लोगों को जागरूक कर रही हैं । चित्रा सिंह वर्तमान में महिला थाना प्रभारी के पद पर कार्यरत है। उन पर इस दौरान कई बार राजनीतिक दबाव भी बनाए गए पर वे अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटीं। उन्होंने हिम्म्त नहीं हारी और लड़कियों , महिलाओं विशेष तौर पर कामकाजी महिलाओं की सुरक्षा के लिए निडर होकर अपने कर्तव्य का पालन करती रहीं हैं।
वे कहती हैं कि अगर महिलाएं और लड़कियां स्वयं जागरुक होती रहें तो महिलाओं का शोषण और दमन कोई नहीं कर सकता।
महिला पुलिस ऑफिसर चित्रा सिंह का दावे के साथ मामना है कि अगर मां दोस्त बन जाए तो महिलाओं और लड़कियों से जुड़ी हुई समस्याएं भी अपनेआप हल हो जाएगीं। मां—बाप बच्चों के सबसे अच्छे काउंसलर होते हैं। सही संस्कार और अच्छी परवरिश हमें अच्छा इंसान बनाती है।
जिले में जब भी पुलिस महकमें में जांबाज ,ईमानदार महिला पुलिस अधिकारी की बात होती है तो उनमें महिला थाना प्रभारी चित्रा सिंह का नाम सबसे पहले लिया जाता है। अपनी सार्थक सोच और अनोखी पहल के दम पर अपनी अलग पहचान रखने वाली चित्रा सिंह की नीति “जीरो टॉलरेंस अगेंस्ट वूमेन क्राइम” की रही है और महिलाओं के बीच जाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित कर रही हैं ।
वे कहती हैं कि हमने जब से वर्दी पहनी है ,तभी से महिलाओं के खिलाफ होने वाली घटनाओं, अपराधों की रोकथाम के लिए वो हमेशा प्रयासरत रही हैं । चित्रा सिंह अपने संवेदनशील और दयालु स्वभाव के चलते हर गरीब और जरुरतमंद की मदद करने के लिए जानी जाती हैं । सच कहें तो चित्रा सिंह पुलिस की खाकी वर्दी पहनने के बाद भी पुलिस अधिकारी कम सामाजिक कार्यकर्ता अधिक लगती हैं । उन्होंने ईमानदारी और हिम्मत से अपनी ड्यूटी करते हुये पुलिस महकमें में अपनी एक अलग पहचान बनायी है ।