सुल्तानपुर । ‘योगी सरकार दो का पहला बजट बाहर से देखने में तो बहुत अच्छा है लेकिन अपने आंतरिक रूप में यह आम जनता को बेहतर लाभ दे सकने में सफल हो पायेगा इसमें संदेह है ।’ यह बातें राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि ने कहीं ।
वे वृहस्पतिवार को आये प्रदेश सरकार के बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे ।
बजट पर साहित्यिक व सामाजिक संस्थाओं से जुड़े असिस्टेंट प्रोफेसर की टिप्पणी
विभिन्न शैक्षिक , साहित्यिक व सामाजिक संस्थाओं से जुड़े ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि ने कहा कि उत्तर प्रदेश के इतिहास में पहली बार आया इतना बड़ा बजट प्रदेश की बढ़ती प्रगति को साबित करता है । सरकार ने चुनाव के समय अपने घोषणा पत्र में शामिल कुछ संकल्पों को इस बजट में स्थान दिया है यह स्वागत योग्य है । लेकिन इसके साथ ही साथ इस बजट में ऐसा कुछ भी नया नहीं है जिसको ऐतिहासिक कहा जाय ।
उत्तर प्रदेश में साहित्य , कला और संस्कृति से जुड़े लोग इस बजट से निराश हैं ।मंहगाई कम होने का कोई प्राविधान बजट में नहीं किया गया है । शिक्षा क्षेत्र में पहले से चल रही योजनाओं के लिए ही बजट जारी किया गया है । शिक्षकों और विद्यार्थियों की कई मांगे योगी सरकार के इस बजट में भी शामिल नहीं की गईं । यह बजट लोकलुभावन तो है लेकिन इससे आम आदमी के जनजीवन में किसी विशेष बदलाव की सम्भावना नहीं है ।