सूर्यदेव की पूजा से हर तरह की परेशानी से बचा जा सकता है और सभी सुख भी प्राप्त किए जा सकते हैं।
शास्त्रों और हिंदू धर्म में सूर्य देव को पंचदेवों में से एक माना गया है। सूर्यदेव को प्रत्यक्ष देवता भी कहा जाता है यानी सूर्य वो देवता हैं, जो हमें दिखाई देते हैं। भविष्य पुराण के अनुसार, सूर्यदेव की पूजा से हर तरह की परेशानी से बचा जा सकता है और सभी सुख भी प्राप्त किए जा सकते हैं। रामचरित मानस के अनुसार, रावण के वध करने से पहले भगवान श्रीराम ने भी सूर्यदेव की उपासना की थी।
सूर्य देव को जल चढ़ाते समय करे ये उपाय
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य के अनुसार, सूर्यदेव को रोज सुबह तांबे के लोटे में पानी लेकर अर्घ्यदेने से सभी ग्रहों के दोष दूर हो सकते हैं। सूर्य कोअर्घ्य देते समय अगर कुछ विशेष मंत्रों का जाप किया जाए तो और भी जल्दी शुभ फल मिल सकते हैं। आगे सूर्यदेव के 5 मंत्र बताए गए हैं।
सूर्य कोअर्घ्य देते समय इनमें से किसी का 1 जाप करना चाहिए…
1. ऊं घृणिं सूर्य: आदित्य:
- ऊं ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
- ऊं ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।
- ऊं ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ
ऊं ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
ये है पूरी विधि
सुबह स्नान आदि करने के बाद तांबे के लोटे में साफ पानी लें।
इसके बाद सूर्यदेव की ओर मुख करके धीरे-धीरे अर्घ्यअर्पित करें। साथ ही साथ ऊपर बताए गए मंत्रों में से किसी एक मंत्र का जाप करते रहें।
अर्घ्यदेने के बाद सूर्यदेव को प्रणाम करें और अगर कोई परेशानी है तो उसके निवारण के लिए प्रार्थना करें।