सुप्रीम कोर्ट ने छह महीने में ट्रायल पूरी करने का आदेश दिया
नई दिल्ली, । सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले का ट्रायल दिल्ली ट्रांसफर कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का ट्रायल दिल्ली के साकेत कोर्ट में ट्रांसफर करते हुए छह महीने में ट्रायल पूरी करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले का ट्रायल बिहार से बाहर करना निष्पक्ष और स्वतंत्र ट्रायल के लिए जरूरी है।
सुप्रीम कोर्ट ने शेल्टर होम में बच्चों के यौन उत्पीड़न और शारीरिक यातना देने के मामले पर बिहार सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने आज ही दो बजे सभी सवालों का जवाब देने के लिए बिहार सरकार को तलब किया। कोर्ट ने कहा कि एनफ इज एनफ। बच्चों के साथ इस तरह व्यवहार नहीं किया जा सकता है। आप अपने अफसरों को बच्चों से ऐसा व्यवहार करने के लिए नहीं छोड़ सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि अगर उसे सभी सूचनाएं नहीं मिलीं तो वह बिहार के मुख्य सचिव को तलब कर सकता है।
28 नवंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के 16 शेल्टर होम में बच्चों के साथ दुर्व्यवहार और यौन शोषण से जुड़े मामलों की जांच सीबीआई से जांच कराने का आदेश दिया था।
मुजफ़्फरपुर शेल्टर होम मामले की जांच सीबीआई पहले ही कर रही है। 27 नवंबर 2018 को जरूरी कार्रवाई न होने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने कहा था कि मुजफ़्फरपुर जैसे कई मामले सामने आने की आशंका है ।
कोर्ट ने कहा था कि राज्य सरकार एफआईआर दर्ज करने और आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए जरुरी कदम नहीं उठा रही है। कोर्ट ने 24 घंटे के अंदर एफआईआर दुरुस्त करने का आदेश दिया था। एफआईआर में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सायंसेज की रिपोर्ट की कोई चर्चा नहीं की गई थी। कोर्ट ने कहा था कि केवल 5 एफआईआर दर्ज हुए हैं जबकि 17 शेल्टर होम में बच्चों के साथ ज्यादती की रिपोर्ट आई है।
30 अक्टूबर को मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप केस के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को पंजाब की पटियाला जेल में ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि ऐसा करना स्वतंत्र और निष्पक्ष ट्रायल के लिए जरूरी था ।
कोर्ट ने कहा था कि ब्रजेश ठाकुर काफी प्रभावशाली व्यक्ति है और वह जांच को बाधित करने की क्षमता रखता है।