समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका मिला है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत देने से मना कर दिया है। उनकी तरफ से इस मामले को इलाहाबाद हाईकोर्ट भेज दिया गया है। कहा कि ये मामला वहां पेंडिंग है, ऐसे में इस मामले को इलाहाबाद हाईकोर्ट को भेज देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से सुनवाई जल्द खत्म करने की बात कही है। न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बीआर गवई की एक पीठ ने खान को संबंधित अदालत का दरवाजा खटखटाने और जमानत याचिका को शीघ्र निपटाने के लिए अनुरोध की इजाजत दी। इसके बाद आजम खान ने अपनी याचिका वापस ली। याचिका में आजम ने आरोप लगाया है कि यूपी सरकार जानबूझ कर उनके मामले को लटका रही है ताकि वे अपने चुनाव प्रचार में हिस्सा न ले सकें।
अदालत में सुनवाई के दौरान आजम खान के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि हाईकोर्ट में कई महीनों से याचिका लंबित है। लेकिन सुनवाई नहीं हो रही। आजम के खिलाफ 87 प्राथमिकी दर्ज है, जिसमें से 84 मामलों में जमानत मिल गई है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जमानत हासिल करने के लिए 32 याचिकाएं कैसे दायर कर सकते हैं। राजनीति को अदालत में न लाएं
बिना वजह जेल में बंद
आजम खान के वकील ने उनकी ओर से कहा, ‘मैं बिना वजह जेल में बंद हैं। आप ही बताएं मैं कहां जाऊं। मैं अदालत में राजनीति नहीं ला रहा हूं।’ सिब्बल ने कहा कि लगातार अनुरोध के बाद भी पिछले तीन-चार महीनों में जमानत याचिका पर सुनवाई नहीं की गई।
दो साल से जेल में बंद हैं आजम खान
गौरतलब है कि चुनाव प्रचार में हिस्सा लेने के लिए आजम खान ने सर्वोच्च अदालत में अंतरिम जमानत याचिका दायर की थी। रामपुर से सपा सांसद आजम खान दो साल से सीतापुर जेल में बंद हैं। फरवरी 2020 में उन्हें उनके बेटे और पत्नी के साथ जमीन हथियाने सहित फर्जी प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने जैसे कई मामलों में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि बाद में उनकी पत्नी और बेटे को जमानत मिल गई थी।