लखनऊ। महिला आरक्षण बिल पिछले 27 साल से लटका हुआ था जिस पर केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में चर्चा हुई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ मोदी कैबिनेट ने महिला आरक्षण बिल को मंज़ूरी दे दी है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि हम महिला आरक्षण बिल का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि इसमें एससी-एसटी और ओबीसी समाज की महिलाओं को अलग से कोटा निर्धारित किया जाना चाहिए।
बसपा सुप्रीमो मायावती व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संसद में महिला आरक्षण को लेकर पेश किए गए बिल का समर्थन किया है पर एक शर्त रख दी है। मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार महिलाओं को लोकसभा व राज्य विधानसभा में 33 प्रतिशत सीटों पर आरक्षण देने के लिए संसद में बिल लाने जा रही है। हम इसका समर्थन करते हैं।
उन्होंने कहा कि महिलाओं की संख्या देखते हुए आरक्षण का प्रतिशत अगर 33 की जगह 50 होता तो भी हम इसका समर्थन करते। उम्मीद है कि संसद में इस पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि इसके तहत अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिए अलग से कोटा लागू करने की मांग बसपा करती है। संसद से इस बिल के पास होने के बाद लोकसभा व राज्य की विधानसभाओं में महिला सदस्यों के लिए 33 फीसदी सीटें आरक्षित हो जाएंगी।
वहीं, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि महिला आरक्षण में लैंगिक न्याय और सामाजिक न्याय का संतुलन होना चाहिए। इसमें पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक, आदिवासी (PDA) समाज की महिलाओं का आरक्षण निश्चित प्रतिशत रूप में स्पष्ट होना चाहिए।