दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को स्वच्छता कार्यक्रम की 10वीं वर्षगांठ के अवसर पर कहा कि स्वच्छ भारत मिशन एक दिन का काम नहीं है, बल्कि यह पीढ़ियों तक चलने वाली परंपरा है। दिल्ली में एक कार्यक्रम में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने राज्य सरकारों से इस मिशन को जिला और ब्लॉक स्तर तक ले जाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “स्वच्छता का मिशन एक दिन का नहीं है, यह जीवन भर चलने वाली परंपरा है। हमें इसे पीढ़ियों तक आगे बढ़ाना है…यह ऐसा काम है जो हमें हर दिन करना चाहिए।”
पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आजादी के बाद महात्मा गांधी के नाम पर वोट मांगने वालों ने स्वच्छता के लिए उनके आह्वान पर ध्यान नहीं दिया। जब 2014 में स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत हुई थी, तब करीब 60 फीसदी घरों में शौचालय नहीं थे और उन्होंने कहा कि अब सभी घरों में शौचालय है। प्रधानमंत्री मोदी ने विभिन्न केंद्रीय मिशनों के तहत देश भर में 9,600 करोड़ रुपये से अधिक की स्वच्छता परियोजनाओं का भी वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया।
2014 में अपने पहले स्वतंत्रता दिवस संबोधन में स्वच्छता मिशन की घोषणा करने के बाद, प्रधान मंत्री ने उस वर्ष गांधी जयंती पर मिशन का शुभारंभ किया, ताकि 2019 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती तक भारत को खुले में शौच से मुक्त बनाया जा सके।ग्रामीण मिशन, स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के तहत 10 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण किया गया और 2 अक्टूबर, 2019 को 6 लाख गांवों को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया गया। पश्चिम बंगाल के शहरी स्थानीय निकायों को छोड़कर , शहरों को दिसंबर 2019 में ओडीएफ घोषित किया गया।