अयोध्या: चिन्मय मिशन दक्षिण अफ्रीका द्वारा आयोजित अयोध्या में श्री राम कथा शिविर 11 दिसम्बर को पूर्ण हुई। स्वामी अभेदानन्द की अमृतवाणी के माध्यम से सभी श्रोताओं ने श्रीरामचरितमानस का रसपान किया। कथा के अंतिम दिवस पर स्वामीजी भगवान राम को अयोध्या वापस लाए, और राम राज्य की स्थापना तथा भगवान राम के राज्याभिषेक का उत्सव हुआ। सभी शिविरार्थियों ने दीपक लगाए और पटाखों का आनंद लेते हुए कथा में दीपावली का पर्व मनाया।
स्वामीजी ने कहा, “रामायण ही वह प्राणवायु है जिसने इतनी सदियों से भारतीय समाज को सींचा है और भारत को बनाया है। वैदिक धर्म का परिपालन कैसे करना है, अपने परिजनों के साथ कैसा व्यवहार करना है, अन्य समाज के साथ क्या प्रतिक्रियाएं योग्य है, यह सब भगवान राम ने ही हमारे लिए दर्शाया है।” राम राज्य की भव्य स्थापना करवाते हुए स्वामीजी ने इस बात पर बल दिया कि आधिभौतिक अर्थात बाहर का राम राज्य तभी संभव है जब हमारे हृदय में आध्यात्मिक राम राज्य हो, यानी ईश्वर हमारे मन के सिंहासन पर विराजमान हों और हमारा अहंकार एवं मोह समाप्त हो जाए।
अंत में इस राम कथा शिविर का समापन एक अत्युत्तम चरम पर हुआ। चिन्मय मिशन दक्षिण अफ्रीका ने स्वामी अभेदानन्द की नवीनतम पुस्तक का अनावरण किया, जिसका शीर्षक है: ‘राम राज्य: अंतरतम में ईश्वरत्त्व का राज्याभिषेक’। पुस्तक के विमोचन की शोभा बढ़ाने के लिए श्री प्रवीण चतुर्वेदी वाराणसी से पधारे, जिनकी उदात्त संस्था, प्राच्यम, अपनी श्रेष्ठ सांस्कृतिक फिल्मों के द्वारा वैश्विक स्तर पर भारतीयों को गौरवान्वित कर रही है।
अमरीका, दुबई, लंदन, दक्षिण अफ्रीका, सिंगापुर, और ऑस्ट्रेलिया समेत दुनिया भर के देशों से आए चिन्मय मिशन के सभी भक्तों ने उत्साह एवं हर्ष के साथ इस पुस्तक का स्वागत किया, जिसका विमोचन इस ऐतिहासिक राम कथा शिविर में, श्री राम जन्मभूमि मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के प्रथम वर्ष के अंतर्गत, और अयोध्या धाम की ही पावन भूमि में, सम्पन्न हुआ। राम राज्य जैसे प्रचलित विषय पर स्वामीजी के गूढ़ एवं परिपक्व आध्यात्मिक दृष्टिकोण की प्रशंसा करते हुए श्री चतुर्वेदी ने इस अद्भुत पुस्तक का रसपान करने की मंशा व्यक्त की। इस पुस्तक को प्राप्त करने के लिए आप cmsa.seva@gmail.com पर ईमेल द्वारा संपर्क कर सकते हैं।