बहराइच: आखिर मिट ही गया कठपुतली कला का अस्तित्व?
बहराइच।वैसे तो डोरे से बांधकर नचाई जाने वाली काठ की पुतली कठपुतली कहलाती है। इस पर तमाम तरह के मुहावरे भी बन चुके है जिसमे ये मुहावरा”दूसरे के इशारे पर नाचना”काफी प्रचलित भी है। बावजूद इसके कठपुतली का प्रचलन अब पूरी तरीके से खत्म सा हो चुका है। बताते चले कठपुतली कला के बारे मे … Read more








