श्रीमद् भागवत कथा में है भारतीय संस्कृति की वृहद व्याख्या-संत दिग्विजय राम
नैमिषारण्य-सीतापुर। श्रीमद् भागवत कथा भारतीय संस्कृति की वृहद व्याख्या है। जिसके अनुसार मनुष्य ही उत्तानपाद है, जीव की दो वृतियां ही उसकी दो पत्नियां सुरूचि एवं सुनीति हैं। सुरूचि के अनुसार पुत्र उत्तम तो होता है लेकिन माता-पिता का कल्याण करेगा इसमें संदेह है। जबकि सुनीति के अनुसार यदि जीवन जिया जाय तो बालक ध्रुव … Read more










