अंधे हैं, गूंगे बहरे हैं गांधी के तीनों बंदर, बदलने होंगे : मानव
गाजियाबाद। इस समाज में जहां लोग सच बोलने से भी कतराते हैं वहां अमर भारती साहित्य संस्कृति संस्थान का मंच कवियों को सच बोलने का साहस प्रदान करता है। बतौर अध्यक्ष काव्योत्सव को संबोधित करते हुए श्री मानव ने कहा कि मौजूदा दौर में कविता की बेहद दुर्दशा हुई है लेकिन अमर भारती के मंच … Read more