अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस : नारी को पूजने का ढकोसला करने की बजाय उसे संबल बनाएं

यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः। यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफलाः जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं। इसका सही अर्थ है कि जहां जननी यानि जन्म देने वाली, पालन-पोषण करने वाली यानि हमारा मूल, जड़ की इज्जत होती है, उनको सम्मान दिया जाता है, वहां देवता(बरक्कत), देवत्व यानी खुशी, प्रशन्नता, उल्लास, … Read more

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