
वाराणसी: अनुदानित प्रबंधकीय विद्यालयों में प्रधानाध्यापक, सहायक अध्यापक और लिपिक पद पर नियुक्तियों में फर्जीवाड़े के मामले में वाराणसी के तत्कालीन BSA हरिकेश यादव सहित 4 खंड शिक्षा अधिकारियों और 18 लोगों पर नामजद केस दर्ज किया गया है. आरोपियों में 7 स्कूल प्रबंधक और प्रधानाध्यापक भी शामिल हैं. मामला 2015-16 और 2016-17 के शैक्षणिक सत्र का है. हरिकेश यादव वर्तमान में सुल्तानपुर में डायट में तैनात हैं. फिलहाल, इस प्रकरण में सभी से पूछताछ और हिरासत में लेने की कार्रवाई जल्द शुरू कर सकती है.
इस बारे में विजिलेंस के अधिकारियों ने बताया कि शासन से सतर्कता अनुभाग को साल 2021 में जांच संबंधी पत्र दिया गया था. जिसमें जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और सात विद्यालयों के प्रबंधकों और अन्य लोगों के खिलाफ प्रधानाध्यापक, सहायक अध्यापक व लिपिक की नियुक्ति में अनियमितता, राजकीय धन के अपव्यय और गबन के जांच के आदेश मिले थे. जांच में सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप सही पाए जाने के बाद उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान वाराणसी इकाई ने मुकदमा दर्ज किया है. बता दें कि 2024 में भी चोलापुर के बेला के श्री विश्वकर्मा पूर्व माध्यमिक विद्यालय रौना खुर्द में फर्जी नियुक्तियों के मामले में पूर्व बीएसए हरिकेश यादव समेत आठ लोगों पर कोर्ट के आदेश पर चोलापुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था. उस वक्त उन कहा गया था कि प्रधानाचार्य की नियुक्ति फर्जी विज्ञापन के आधार पर की गई है.
फिलहाल 2015-16 और 2016-17 में प्रधानाध्यापक और सहायक अध्यापकों की नियुक्ति के मामले में तत्कालीन बीएसए हरिकेश यादव पर यह आरोप है कि चयन प्रक्रिया में नियमों का पालन नहीं किया गया. नियुक्ति का अनुमोदन अपने लाभ के लिए उन्होंने किया और निजी हितों को लेकर प्रबंधन प्रबंधकीय समिति के सदस्यों के साथ मिलकर फर्जी तरीके से नियुक्तियां की गईं. इस मामले में आरोप सही पाए जाने पर सतर्कता अनुष्ठान वाराणसी में तत्कालीन बीएसए हरिकेश यादव तत्कालीन खंड शिक्षा अधिकारी सुभाष गुप्ता, अरविंद यादव, बृजेश राय रामबल, बड़ागांव के जगनारायण तिवारी, विद्यालय के प्रधानाचार्य एसके त्रिपाठी, प्रबंधन, ओमप्रकाश चौबे, पांडेयपुर के ग्राम सेवा मंडल जूनियर हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक संजय जयसवाल, प्रबंधक गणेश यादव सहित अन्य कई के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. फिलहाल इस पूरे मामले में अब जांच और पूछताछ की तैयारी की जा रही है.