रेल विभाग की भूमि पर काटा गया सागौन का पेड़ 

रेल और वन विभाग अपनी जिम्मेदारी से बचते नजर आये
लखीमपुर खीरी : बांकेगंज खीरीहाल ही में बांकेगंज क्षेत्र में रेलवे के महाप्रबन्धक का आगमन हुआ था, जिसमें मैलानी रेलवे परिसर में अपने हाथों से पौधा लगाकर प्रकृति को बचाने का संदेश दिया था किन्तु बांकेगंज  में रेलवे की भूमि से बड़ी मात्रा में पेड़ गायब हो रहे हैं । रेलवे फाटक से थोड़ी ही दूरी पर अज्ञात व्यक्तियों ने रेलवे विभाग की भूमि पर स्थित सागौन के जंगल से सागौन के पेड़ काट डाले, जिसकी जानकारी न तो वन विभाग को हुई और न ही रेलवे विभाग को । जंगल के सामने रहने वाले सुखविंदर सिंह ने बताया कि अराजक तत्व पहले पेड़ को काटते हैं उसके बाद दो दिन तक जब देखते हैं कि मामला शान्त हो गया है, तब कटे हुए पेड़ को उठा ले जाते हैं ।

पेड़ कटने से सम्बन्धित जब मामला उछलता है, तब जाकर वन विभाग मौके पर पहुंचता है और अपनी औपचारिकता पूर्ण कर मामले को ठण्डे बस्ते में डाल दिया जाता है । गौरतलब है कि बांकेगंज में रेलवे विद्युत पोल संख्या 17810 और 17811 के बीच में अराजक तत्वों ने यह सागौन का पेड़ काटा  है । इसी लाईन में आज से 10 वर्ष पूर्व बहुत घना जंगल हुआ करता था, जिसमें अधिकांश पेड़ सागौन के हुआ करते थे । वन विभाग की मिलीभगत के चलते आज बड़ी संख्या में यह सागौन का जंगल समाप्ति की ओर है । मौके पर पहुंचे वन विभाग के कर्मचारी  दया शंकर दुबे ने बताया कि वाॅचर ब्रह्मादीन की सूचना देने पर वह मौके पर पहुंचे हैं । जब वन रक्षकों की  गश्त के लिए दयाशंकर से  पूछा गया तब वह गोल-मोल बातें ही करते नजर आये। वही वन विभाग और रेलवे विभाग के कर्मचारी एक दूसरे पर प्रत्यारोप लगाकर आये दिन कट रहे पेड़ो से सम्बंधित जिम्मेदारी से अपना-अपना पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं ।


पेड़ रेलवे की भूमि में तो जरूर लगें हैं लेकिन, जब से लीज पर दे दिया है यह जिम्मेदारी वन विभाग की है । रेलवे कालोनी में जो पेड़ लगे होते हैं, उनकी जिम्मेदारी रेलवे की होती है । 
विष्णु सिंह, आरपीएफ दरोगा, मैलानी 

रेलवे की पुलिस रहती है , वह लोग पेट्रोलिंग करते हैं । यह जिम्मेदारी उनकी होती है कि उनकी भूमि पर क्या हो रहा है । वन विभाग का कर्मचारी जंगल देखेगा कि रेलवे की भूमि बाकी, गोला रेंज साउथ में आता है । 
डीएफओउत्तरी वन प्रभाग

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