
भारत, 2025: फिलिप मॉरिस इंटरनेशनल (पीएमआई) ने हाल ही में दुबई में टेक्नोवेशन’25 कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसका केंद्र बिंदु ग्लोबल साउथ देशों में सार्वजनिक स्वास्थ्य सुधार के लिए सिगरेट-मुक्त और नवाचारी विकल्पों को बढ़ावा देना रहा। कार्यक्रम में बताया गया कि विज्ञान, तकनीक और नवाचार का उपयोग कर धूम्रपान दर को प्रभावी रूप से घटाया जा सकता है और एक स्वस्थ भविष्य की दिशा में ठोस प्रगति की जा सकती है।
पीएमआई के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि सिगरेट-मुक्त भविष्य अब संभव है – क्योंकि वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित धुआँ-मुक्त विकल्प पारंपरिक सिगरेटों की तुलना में कम हानिकारक हैं और धूम्रपान करने वालों को बेहतर विकल्प प्रदान करते हैं।
फिलिप मॉरिस इंटरनेशनल के सीईओ यासिक ओल्ज़ाक ने कहा, “सिगरेट कभी भी सबसे आसान या एकमात्र विकल्प नहीं होनी चाहिए। आज कुछ देशों के लोगों को बेहतर विकल्प उपलब्ध हैं, जबकि अनेक देशों में लोगों के पास अभी भी कोई विकल्प नहीं है। क्या हम ऐसा भविष्य चाहते हैं, जहाँ कुछ देशों में धूम्रपान समाप्त हो जाए, जबकि अन्य जगहों पर इसकी दर 20% या 40% से अधिक बनी रहे?”
उन्होंने आगे कहा, “सिगरेट-मुक्त तकनीक आज उपलब्ध है, लेकिन वास्तविक बदलाव तभी संभव है जब यह नवाचार लोगों के जीवन तक पहुँचे। इसके लिए नियामक संस्थाएँ, वैज्ञानिक समुदाय, सामाजिक संगठन और उपभोक्ता – सभी को मिलकर काम करना होगा।”
फिलिप मॉरिस इंटरनेशनल में कॉमनवेल्थ ऑफ इंडिपेंडेन्ट स्टेट्स एण्ड मिडिल ईस्ट एण्ड अफ्रीका रीजन के साउथ एण्ड साउथईस्ट एशिया प्रेसिडेंट फ्रेडरिक डी वाइल्ड ने कहा, “विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में सिगरेट-मुक्त विकल्पों को लाना चुनौतीपूर्ण कार्य है। बहुत-से लोग अभी भी धूम्रपान से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों से अनजान हैं और आर्थिक सीमाएँ नई तकनीकों तक पहुँच में बाधा बनती हैं।
हालांकि शुरुआती लागतें अधिक हो सकती हैं, लेकिन हम विविध उत्पाद पोर्टफोलियो विकसित कर हर आय वर्ग के लोगों के लिए सिगरेट-मुक्त विकल्प उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
हमारा मिशन स्पष्ट है – सिगरेट-मुक्त भविष्य की यात्रा में किसी को पीछे नहीं छोड़ना। स्थानीय आवश्यकताओं और क्रय-शक्ति को समझते हुए हम बेहतर विकल्प अधिकाधिक लोगों तक पहुँचा रहे हैं।”
फिलिप मॉरिस इंटरनेशनल में ग्लोबल कम्युनिकेशंस के वाइस प्रेसिडेंट तोमासो डी जियोवन्नी ने कहा, “जब जानकारी सही रूप में नहीं पहुँचती, तो गलतफहमियाँ पनपती हैं। सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए ऐसी नीतियाँ आवश्यक हैं जो तथ्यों पर आधारित हों, न कि विचारधारा पर। इससे लोग कम हानिकारक विकल्पों की ओर बढ़ सकते हैं और कंपनियाँ भी इन क्षेत्रों में निवेश कर सकती हैं।”
पीएमआई का सिगरेट-मुक्त भविष्य की ओर सफर शोध, नवाचार और निरंतर प्रतिबद्धता से प्रेरित है। जैसे-जैसे कंपनी अपने सिगरेट-मुक्त उत्पादों की पहुँच वैश्विक स्तर पर बढ़ा रही है, यह दर्शाता है कि विज्ञान और नवाचार के माध्यम से धूम्रपान दर में उल्लेखनीय कमी लाना न केवल संभव है, बल्कि शीघ्र ही साकार भी हो सकता है।