
महोली -सीतापु। शुक्रवार की देरशाम एक किशोरी से दुष्कर्म की वारदात पर महोली पुलिस पर्दा डालने में जुटी है। पीड़ित व उसके परिजन पर दबाव बनाकर पुलिस ने छेड़छाड़ की तहरीर लेकर केस दर्ज कर लिया। यही नही पुलिस ने किशोरी का मेडिकल परीक्षण सीएचसी महोली में कराया। जहां कोई महिला चिकित्सक तैनात नही है।
बता दें कि शुक्रवार की देरशाम कोतवाली क्षेत्र के एक गांव की 18 वर्षीय किशोरी अपने पिता को खाना देने के लिए अपने खेत पर गयी थी। आरोप है वहां से लौटते वक्त रास्ते में गांव के ही श्यामजी ने उसे दबोच लिया और उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए। किशोरी द्वारा शोर मचाने पर श्यामजी वहां से भाग गया। शोर सुनकर परिजन मौके पर पहुंच गए। पीड़ित ने उन्हें अपने साथ हुई दरिंदगी की दास्तां सुनाई। इस पर परिजन ने इंसाफ की खातिर कोतवाली की ओर रुख किया। पुलिस ने पूरे घटनाक्रम पर पर्दा डालने के लिए। किशोरी का एमएलसी महिला चिकित्सालय के बजाय सीएचसी में कराकर छेड़छाड़ का केस दर्ज कर लिया। इसके बाद आरोपित श्यामजी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। यहां सबसे अहम प्रश्न ये उठता है कि आखिर पुलिस ने किशोरी की मेडिकल जांच महिला चिकित्सालय में क्यों नही कराई।
जिम्मेदार मौन, इंसाफ करे कौन
पीड़ित किशोरी व उसके परिजन चीख चीख कर महोली पुलिस से इंसाफ की गुहार लगाते रहे। पुलिस ने उनकी फरियाद न सुनकर उल्टे दबाव बनाकर केस का रुख मोड़ दिया। रेप जैसी संगीन वारदात को छेड़छाड़ में बदल दिया। किशोरी व उसके परिजन ने बताया पीड़िता से जबरन दुराचार किया गया है। उन्होंने इंसाफ की पुलिस का दरवाजा खटखटाया था। मगर अफसोस जिम्मेदारों ने महिला का मेडिकल परीक्षण करना तक मुनासिब नही समझा।











