आगामी लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में सियासी संग्राम शुरू हो गया है. बीजेपी से गठबंधन तोड़ने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) गुरुवार को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) में शामिल हो सकती है खबर के मुताबिक, गुरुवार शाम तक महागठबंधन का औपचारिक ऐलान हो सकता है और इसमें राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा भी शामिल हो सकते हैं। आरजेडी नेता और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी इस ओर इशारा करते हुए कहा है कि आज शाम तक तस्वीर साफ हो जाएगी। उधर एलजेपी के अल्टिमेटम देने के बाद बिहार सीएम नीतीश कुमार दिल्ली में शुक्रवार को अमित शाह से मुलाकात कर सकते हैं।
मीडिया से बातचीत में तेजस्वी ने कहा
‘चीजें आज शाम तक स्पष्ट हो जाएंगी और आपको सब मालूम हो जाएगा। हमने पहले भी लोगों को बुलाया है। अगर उपेंद्र कुशवाहा जी देश के लिए अच्छा चाहते हैं तो हम उन्हें आमंत्रित करते हैं। इधर क्षेत्रीय पार्टियों को कुचलने के प्रयास किए जा रहे हैं। यहां तक कि एलजेपी भी मोदी जी के गुट से खुश नहीं है और यह तथ्यों को साबित करता है।’
बताया जा रहा है कि दिल्ली में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा( हम) नेता जीतनराम मांझी, आरएलएसपी लीडर उपेंद्र कुशवाहा की बैठक होने वाली है। माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद ही महागठबंधन का औपचारिक रूप से ऐलान हो सकता है। हालांकि सीटों के बंटवारे में अभी कुछ और वक्त लिया जा सकता है। अभी तक जो तस्वीर बनती दिख रही है उसके अनुसार, विपक्षी खेमे को आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव लीड कर सकते हैं।
उधर, कांग्रेस नेता रंजीत रंजन का भी बयान इस पर सामने आया है। रंजन ने कहा, ‘चिराग पासवान जी और रामविलास पासवान जी ने मौसम का मिजाज समझ लिया है और अब वे डूबती नैया में पांव नहीं रखना चाहते हैं। उन्हें एहसास हो चुका है कि जो मुद्दे ये NDA के साथ लेकर चले थे वे गलत हैं। वैसे तो तय आलाकमान करते हैं लेकिन मुझे लगता है कि हमारे दरवाजे खुले हैं और हम स्वागत करेंगे।’
बिहार में महागठबंधन की हो रही तैयारी
लोकसभा चुनाव में विरोधी दलों ने महागठबंधन की कवायद तेज कर दी है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी तीन राज्यों के चुनाव नतीजों के बाद सबके साथ चलने की बात कही थी। बिहार में महागठबंधन से एनडीए की उम्मीदों को झटका लग सकता है। हालांकि, कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि अभी चर्चा की शुरुआत कह सकते हैं। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव लगातार महागठबंधन की बात कर रहे हैं और तीन राज्यों के शपथ ग्रहण समारोह में तेजस्वी का हिस्सा लेने उसी संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।
कुशवाहा के बाद पासवान ने भी दिखाए तेवर
उधर बिहार में एनडीए के सहयोगी एलजेपी के रामविलास पासवान और उनके बेटे चिराग ने कुछ दिन पहले ही राहुल गांधी की तारीफ कर अपने बदले हुए तेवर दिखा दिए हैं। तीन राज्यों के नतीजों के बाद से सीट शेयरिंग को लेकर एलजेपी की तरफ से भी दबाव बनाया जा रहा है। वहीं मंगलवार को चिराग पासवान के एक ट्वीट ने इसे और स्पष्ट कर दिया है। इसके बाद बुधवार को पार्टी की ओर से बीजेपी को 31 दिसंबर तक का अल्टिमेटम भी दे दिया गया था।
फैसला पासवान को ही लेना होगा
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि इस वक्त बैक डोर से रामविलास पासवान से कोई बातचीत नहीं हो रही है। हालांकि कांग्रेस सूत्र ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा कि देश हित में फैसला रामविलास पासवान को ही लेना है। कांग्रेस पार्टी इस वक्त पासवान के लिए उस तरह से सख्त नहीं हो सकती जैसे नीतीश कुमार के लिए है।