फिलिस्तीनी प्रेसिडेंट के काफिले पर आतंकी हमला, गोलीबारी में बॉडीगार्ड की गई जान

इजराइल और हमास की जंग का आज 33वां दिन है। इस बीच फिलिस्तीनी प्रेसिडेंट महमूद अब्बास के काफिले पर आतंकी हमले की खबर है। सूत्रों के मुताबिक, काफिले पर गोलीबारी हुई। इसमें उनका एक बॉडीगार्ड मारा गया है। हमला वेस्ट बैंक में हुआ। वहीं, तुर्किये के मुताबिक, हमले की जिम्मेदारी ‘सन्स ऑफ अबू जंदल’ नाम के संगठन ने ली है। हमले से जुड़ा एक वीडियो सामने आया है। इसमें गोली लगने के बाद बॉडीगार्ड जमीन पर गिरता दिख रहा है। इधर, इजराइल के मुताबिक सेना ने हमास के लिए हथियार बनाने वाले कमांडर को मार गिराया है।

भारत के 1 लाख कर्मचारियों को मिलगी नौकरी

इजराइल फिलिस्तीनी कामगारों की जगह भारत के 1 लाख कर्मचारियों की नियुक्ति करने वाला है। अमेरिका की रिपोर्ट के मुताबिक, हमास के हमले के बाद इजराइल में काम करने वाले फिलिस्तीनियों को नौकरी से निकाल दिया गया। इसकी जगह इजराइल और भारत सरकार के बीच भारतीयों को नौकरी देने को लेकर चर्चा चल रही है।

इजराइली रक्षा मंत्री बोले- गाजा आतंक का गढ़

मंगलवार को इजराइल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने कहा कि गाजा पट्टी इंसानों द्वारा बनाया गया आतंक का सबसे बड़ा अड्डा है। हम बंधकों को वापस लाने के लिए हर मिलिट्री और पॉलिटिकल एक्शन लेंगे। दूसरी तरफ, इजराइली सेना ने दावा किया है कि वो गाजा शहर के केंद्र में पहुंच चुकी है। PM नेतन्याहू ने कहा- हम गाजा शहर में घुसते जा रहे हैं। हम हमास के उन ठिकानों पर भी पहुंच चुके हैं, जहां उसने उम्मीद भी नहीं की थी। हजारों हमास लड़ाकों को मारा जा चुका है। अगर हिजबुल्लाह इस जंग में घुसा तो ये उसकी सबसे बड़ी भूल होगी।

नेतन्याहू बोले- जंग के बाद इजराइल को गाजा से खतरा नहीं होगा

नेतन्याहू ने कहा- जब तक बंधक आजाद नहीं हो जाते, जंग में सीजफायर नहीं होगा। हम गाजा में फ्यूल भी नहीं पहुंचने देंगे। हम हमास और उसकी सत्ता को मिटा देंगे। इस जंग के बाद इजराइल को गाजा से कोई खतरा नहीं होगा। वहीं मंगलवार रात लेबनान से इजराइल पर एक के बाद एक 20 रॉकेट से हमला किया गया। ज्यादातर रॉकेट को आयरन डोम ने इंटरसेप्ट कर लिया। हमले के बाद इजराइली सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए हिजबुल्लाह के हथियार डिपो, रॉकेट लॉन्चिंग पैड, एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल सेल सहित कई ठिकानों पर हमले किए।

अमेरिका बोला- गाजा पर दोबारा कब्जा इजराइल की गलती होगी

वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने इस बात की पुष्टि की है कि उन्होंने नेतन्याहू से मानवीय मदद और बंधकों की रिहाई के लिए जंग को कुछ समय तक रोकने को कहा था। बाइडेन ने कहा- गाजा पर दोबारा कब्जा करना इजराइल के लिए एक बड़ी गलती होगी। अमेरिका ने मंगलवार को इजराइल को गाजा पर दोबारा कब्जा करने के मामले में आगाह किया। व्हाइट हाउस ने कहा- हम इजराइल के साथ गाजा के भविष्य को लेकर चर्चा कर रहे हैं। दरअसल, सोमवार को नेतन्याहू ने संकेत दिया था कि इजराइल का इरादा गाजा से हमास के खात्मे के बाद उस इलाके की सिक्योरिटी अपने हाथ में लेने का है। नेतन्याहू ने कहा था- अगर इस इलाके की सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारे पास नहीं रहती है, तो हमास के आतंकी हमले उस लेवल तक पहुंच सकते हैं, जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते। इजराइल का मकसद हमास को खत्म करना है, ताकि 7 अक्टूबर जैसे हमले को दोहराने की संभावना खत्म की जा सके।

रक्तदान मेरा सौभाग्य

जंग के बीच इजराइल के पश्चिमी सहयोगी उसके साथ खड़े नजर आ रहे हैं। जर्मनी के एयरफोर्स चीफ कमांडर जनरल इन्गो मंगलवार दोपहर तेल अवीव के शेबा मेडिकल सेंटर पहुंचे। यह इजराइल का सबसे बड़ा सिविल हॉस्पिटल है। यहां उन्होंने ब्लड डोनेट किया और इसके बाद मीडिया को बयान दिया।

इन्गो ने कहा- मैंने इजराइली सेना के साथ बहुत वक्त बिताया है। आज आप हमास के साथ जंग लड़ रहे हैं। ये मेरा खुशकिस्मती है कि मैं यहां आपके साथ एकजुटता दिखाने के लिए आ पाया हूं और ब्लड डोनेट भी कर सका हूं। हो सकता है आपको इसकी जरूरत हो। बाद में शेबा हॉस्पिटल ने एक बयान जारी किया। कहा- जनरल इन्गो का यहां आना और ब्लड डोनेट करना काफी अहम है। उनकी यह विजिट उम्मीद, एकता और भरोसे का संदेश देती है।

संसद में बंधकों की तस्वीरें लगाएं

इजराइल में विपक्ष के नेता येर लैपिड ने मंगलवार को संसद के स्पीकर आमिर ओहाना को पत्र लिखा। कहा- हमास ने जिन इजराइलियों और दूसरे देशों के नागरिकों को बंधक बनाया है, उनकी तस्वीरें स्थायी रूप से संसद में लगाई जानी चाहिए। लैपिड आगे लिखते हैं- मैंने उन परिवारों से मुलाकात की है, जिनके परिजन हमास की कैद में हैं। परिवार कितने दर्द में हैं, इसको महसूस किया जाना चाहिए। सबसे पहले तो सरकार को इन बंधकों की रिहाई के लिए हर मुमकिन कोशिश करनी होगी। जब तक बंधक घर वापस नहीं आते, तब तक हम इनके परिवारों से आंख भी नहीं मिला सकेंगे।

इजराइली फौज ने रणनीति बदली

इजराइली फौज ने गाजा में ग्राउंड ऑपरेशन कर रही फौज की स्ट्रैटेजी में कुछ बदलाव किया है। ‘यरूशलम पोस्ट’ के मुताबिक- IDF अब ज्यादातर उन घनी बस्तियों पर फोकस कर रही है, जहां हमास ने सीक्रेट टनल नेटवर्क बना रखा है या उनके रॉकेट लॉन्च पैड्स हैं। IDF ने खुद एक बयान जारी कर सिविलियन एरियाज में ऑपरेशन की पुष्टि की है। दूसरी तरफ, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि बड़ी इमारतों में मौजूद हमास की टनल एंट्री गेट को इजराइल के स्पेशल डिटेक्शन डिवाइस से खोजा जा रहा है। इसमें अब तक जबरदस्त कामयाबी मिली है।

एक महीने बाद हमास के हमले की जांच शुरू

7 अक्टूबर को हमास के हमले इस जंग की वजह बने थे। अब बेंजामिन नेतन्याहू सरकार, इजराइल डिफेंस फोर्स (IDF) और इंटेलिजेंस एजेंसियां (मोसाद, मिलिट्री इंटेलिजेंस और लोकल नेटवर्क) जांच करने जा रही हैं कि आखिर 7 अक्टूबर को हमास इतने बड़े हमले करने में कामयाब कैसे हुआ।
इस बीच, इजराइल के अखबार ‘यरुशलम पोस्ट’ ने जांच के पॉइंट्स पर रिपोर्ट पब्लिश की है। इसके मुताबिक- हमले की पहली और सबसे बड़ी वजह सेना का यह मुगालता था कि हमास के पास बड़े हमलों की ताकत ही नहीं है। यानी वो ओवर कॉन्फिडेंस की शिकार रही।

जांच के लिए कमीशन बनेगा

रिपोर्ट के मुताबिक- जांच में कुछ वक्त या कहें कुछ महीने लग सकते हैं। इसके लिए एक इन्क्वॉयरी कमीशन बनने जा रहा है। इसके सामने जांच के लिए जो पॉइंट्स रखे जाएंगे, उनकी कुछ जानकारी सामने आ रही है। कुछ बातों को तो फौज और इंटेलिजेंस एजेंसियां पहले ही मान चुकी हैं और कुछ पॉइंट्स ऐसे हैं, जिनका अभी तक किसी प्लेटफॉर्म पर जिक्र नहीं हुआ। दरअसल, इजराइली सेना को ये लगता था कि गाजा में हमास कमजोर हो रहा है और वो किसी बड़े टकराव से बचेगा। उसका इस्लामिक जिहाद से भी विवाद चल रहा था। मई 2021 में भी इजराइल फौज ने गाजा में हमले किए थे। उसका ख्याल था कि उसने हमास के टनल नेटवर्क को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है, हालांकि ये उसकी गलतफहमी साबित हुई, क्योंकि टनल नेटवर्क को उस वक्त कोई खास नुकसान नहीं हुआ था।

गाजा में हर घंटे मारे जा रहे 15 लोग

अलजजीरा के मुताबिक, गाजा में हो रही इजराइली बमबारी से हर घंटे 15 लोगों की मौत हो रही है। 35 लोग घायल हो रहे हैं और 12 इमारतें तबाह हो रही हैं। इस बीच हिजबुल्लाह ने इजराइली आर्मी की 6 पोस्ट पर हमला किया है। इजराइली सेना ने भी जवाबी कार्रवाई की है। लेबनान का आतंकी संगठन हिजबुल्लाह 8 अक्टूबर से ही इजराइल पर हमले कर रहा है। इधर, 7 अक्टूबर से अब तक जंग में फ्रांस के 39 नागरिक मार गए हैं। 9 अन्य लापता हैं। हमास ने हमले के दौरान करीब 250 लोगों को बंधक बनाया, इनमें कई विदेशी नागरिक भी हैं।

‘अल-अक्सा फ्लड’ के खिलाफ इजराइल का ऑपरेशन ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’

हमास ने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को ‘अल-अक्सा फ्लड’ नाम दिया है। इसके जवाब में इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’ ऑपरेशन शुरू किया। हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने कहा था- ये हमला यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे।

वहीं, हमास के प्रवक्ता गाजी हामद ने अल जजीरा से कहा था- ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइल के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।

इजराइल और फिलिस्तीन के बीच क्यों है विवाद?

मिडिल ईस्ट के इस इलाके में यह संघर्ष कम से कम 100 साल से चला आ रहा है। यहां वेस्ट बैंक, गाजा पट्टी और गोलन हाइट्स जैसे इलाकों पर विवाद है। फिलिस्तीन इन इलाकों समेत पूर्वी यरुशलम पर दावा जताता है। वहीं, इजराइल यरुशलम से अपना दावा छोड़ने को राजी नहीं है। गाजा पट्टी इजराइल और मिस्र के बीच में है। यहां फिलहाल हमास का कब्जा है। ये इजराइल विरोधी समूह है। सितंबर 2005 में इजराइल ने गाजा पट्टी से अपनी सेना वापस बुला ली थी। 2007 में इजराइल ने इस इलाके पर कई प्रतिबंध लगा दिए। फिलिस्तीन का कहना है कि वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में स्वतंत्र फिलिस्तीन राष्ट्र की स्थापना हो।

अल-अक्सा मस्जिद में इजराइली पुलिस ने नमाजियों को गिरफ्तार किया; हमास ने कहा- कीमत चुकानी पड़ेगी

​​​​​​इजराइल में यरुशलम के अल-अक्सा मस्जिद में पुलिस और फिलिस्तीनियों की बीच झड़प हो गई। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कई लोगों को गिरफ्तार किया और उन पर पवित्र मस्जिद को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। पुलिस के मुताबिक, कुछ फिलिस्तीनियों ने खुद को पटाखों, लाठी और पत्थरों के साथ मस्जिद में बंद कर लिया था और बाहर बैरिकेडिंग लगा दी थी।

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