जम्मू-कश्मीर में फिर टारगेट किलिंग का मामला सामने आया है। आतंकियों ने शनिवार को दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में कश्मीरी पंडित पर फायरिंग कर दी। इससे वह गंभीर रूप ले घायल हो गया। उसे अस्पताल में भर्ती किया गया है, जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने बताया कि मृतक की पहचान चौधरी गुंड निवासी पूरन कृष्ण भट के रूप में हुई है। वह सुबह अपने घर के पास बागान में काम के लिए जा रहा था। इस दौरान आतंकी आए और उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इसके बाद उसे तत्काल नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्होंने बताया कि हमलावरों को पकड़ने के लिए इलाके की घेराबंदी कर दी गई है। फिलहाल, किसी भी आतंकी संगठन ने इस घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है।
LG ने की कश्मीरी पंडित की हत्या की निंदा
जम्मू-कश्मीर के LG मनोज सिन्हा ने कश्मीरी पंडित की हत्या की निंदा की। उन्होंने कहा – मैं लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि अपराधियों और आतंकवादियों को सहायता और उकसाने वालों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी।
आतंकियों ने बिहार के 2 मजदूरों को गोली मारी
24 सितंबर को पुलवामा के खरभातपोरा रत्नीपोरा गांव में आतंकियों ने 2 मजदूरों को गोली मार दी थी। दोनों बिहार के बेतिया जिले के रहने वाले थे। दोनों का इलाज चल रहा है। इस घटना के सुरक्षाबलों ने हमलावारों को पकड़ने के लिए सर्च ऑपरेशन भी चलाया था।
बिहार के मजदूर की हत्या, 19 साल के अमरेज को मारी 3 गोली
जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले के सदुनारा गांव में आतंकियों ने अगस्त में एक मजदूर की गोली मार कर हत्या कर दी थी। मोहम्मद अमरेज (19 साल) बिहार के मधेपुरा जिला का रहने वाला था। पुलिस ने बताया कि आतंकियों ने मजदूर पर गोलियां चलाईं। उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया।
जून में टारगेट किलिंग के बाद घाटी छोड़ने लगे थे पंडित
इसी साल जून में लगातार टारगेट किलिंग के बाद कश्मीरी पंडित घाटी छोड़ने लगे थे, जिसके बाद सरकार ने सरकारी नौकरी कर रहे पंडितों के लिए ट्रांसफर पॉलिसी में बदलाव किया था। हालांकि, पंडितों का कहना था कि उनका ट्रांसफर घाटी के बजाय जम्मू में कर दिया जाए।
घाटी में लगातार क्यों हो रही गैर-कश्मीरी की हत्या?
खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, टारगेटेड किलिंग पाकिस्तान की कश्मीर में अशांति फैलाने की नई योजना है। माना जा रहा है कि इसका मकसद, आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की योजनाओं पर पानी फेरना है। आर्टिकल 370 हटने के बाद से ही कश्मीर में टारगेटेड किलिंग कि घटनाएं बढ़ी हैं, जिसमें खासतौर पर आतंकियों ने कश्मीरी पंडितों, प्रवासी कामगारों और यहां तक कि सरकार या पुलिस में काम करने वाले उन स्थानीय मुस्लिमों को भी सॉफ्ट टागरेट बनाया है, जिन्हें वे भारत का करीबी मानते हैं।
कश्मीरी पंडितों ने एक बार फिर से अपनी सुरक्षा की मांग तेज कर दी है। घाटी में PM पैकेज के तहत नौकरी कर रहे कर्मचारियों ने सोमवार को विरोध प्रदर्शन कर, सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। ये लोग खुद को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने की मांग कर रहे हैं। मई-और जून में कश्मीर में हुई टारगेट किलिंग के चलते कश्मीर पंडित पलायन कर जम्मू पहुंचे थे। 4 महीने से ज्यादा वक्त बीत गया, लेकिन अभी भी वो अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। कश्मीरी पंडितों का कहना है कि जब तक उन्हें सुरक्षित माहौल नहीं मिलता, वे घर वापसी नहीं करेंगे।
घाटी में लगातार हो रही हत्याओं के बाद कश्मीरी पंडित अपना घर छोड़कर जाने लगे हैं। PM पैकेज से मिले अनंतनाग के मट्टन स्थित पंडित कॉलोनी में सन्नाटा पसरा है। दैनिक भास्कर से बात करते हुए कश्मीरी पंडित रंजन ज्योतिषी ने बताया कि अनंतनाग स्थित मट्टन की कश्मीरी पंडित कॉलोनी से 90% लोग जा चुके हैं। लोगों के सब्र का बांध टूट चुका है, जिसके बाद रात में ही वे पलायन कर गए।