‘हमारे राम’ नाटक की भव्य प्रस्तुति देख भावुक हुए दर्शक: आशुतोष राणा की अद्वितीय भूमिका ने मोहा मन

  • मिश्रित-नैमिषारण्य होली महोत्सव में ‘हमारे राम’ नाटक की भव्य प्रस्तुति

नैमिषारण्य-सीतापुर। मिश्रित-नैमिषारण्य में आयोजित होली महोत्सव के दूसरे दिन का माहौल पूरी तरह भक्तिमय और भावनाओं से परिपूर्ण हो गया, जब प्रसिद्ध अभिनेता आशुतोष राणा ने अपनी टीम के साथ ‘हमारे राम’ नाटक की प्रभावशाली प्रस्तुति दी। यह नाटक भगवान श्रीराम के जीवन के सबसे मार्मिक और प्रेरणादायक प्रसंगों को मंच पर जीवंत करने वाला था। कार्यक्रम में भगवान श्रीराम का भव्य दरबार सजाया गया, जिसमें महर्षि वाल्मीकि सहित सभी प्रमुख ऋषि-मुनि और दरबारी उपस्थित थे। मंच पर जैसे ही नाटक की प्रस्तुति शुरू हुई, दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। संवाद अदायगी, मंच सज्जा, भावनात्मक दृश्यों और कलाकारों के उत्कृष्ट अभिनय ने माहौल को अत्यंत प्रभावशाली बना दिया।

करुणामय दृश्य ने भाव-विभोर किया

नाटक का सबसे हृदयस्पर्शी और भावनात्मक दृश्य तब आया जब माता सीता पर तरह-तरह के आरोप लगाए गए। इस दृश्य में दिखाया गया कि राजदरबार में उपस्थित लोग माता सीता के चरित्र पर संदेह कर रहे हैं, जिससे श्रीराम मानसिक द्वंद्व में पड़ जाते हैं। अभिनेता आशुतोष राणा और उनकी टीम ने इस दृश्य को इतनी संजीदगी और भावनात्मक गहराई के साथ प्रस्तुत किया कि हर दर्शक अपने आंसू रोक नहीं पाया। मंच पर जैसे ही माता सीता धरती में समाने लगीं, भगवान श्रीराम की व्याकुलता और हृदय की पीड़ा साफ झलकने लगी। यह दृश्य इतना सजीव था कि दर्शकों के हृदय को झकझोर कर रख दिया।

संस्कृति, भक्ति और कला का अद्भुत संगम

मिश्रित-नैमिषारण्य का होली महोत्सव धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इस वर्ष ‘हमारे राम’ नाटक ने इसे और भी यादगार बना दिया। इस आयोजन ने साबित कर दिया कि भारतीय संस्कृति और परंपराएं न केवल मनोरंजन का माध्यम हैं, बल्कि वे समाज को शिक्षित करने, प्रेरणा देने और हमारी धार्मिक आस्था को मजबूत करने का भी कार्य करती हैं। यह नाटक दर्शकों के हृदय में भगवान राम के आदर्शों को जीवंत कर गया और इसे लंबे समय तक याद रखा जाएगा। जनता ने इस नाटक को ऐतिहासिक करार देते हुए मांग की कि ऐसे भव्य और सांस्कृतिक कार्यक्रम आगे भी आयोजित किए जाएं। इस भव्य आयोजन में जिलाधिकारी अभिषेक आनंद, जिला प्रशासन, जनप्रतिनिधि, पूज्य संत-महंत और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। सभी ने इस नाटक की सराहना की और इसे अब तक के सबसे प्रभावशाली कार्यक्रमों में से एक बताया।

…और जब रावण की बात पर हंसने लगा पूरा पंडाल

हमारे राम नाट्यमंचन के अंत में जब अभिनंदन समारोह चल रहा था उस समय मंच संचालन ने दिग्गज अभिनेता आशुतोष राणा को अभिषेक राणा के नाम से संबोधित कर दिया। भरे मंच से ये वाक्या होते ही दिग्गज अभिनेता ने बचाव की मुद्रा में खड़े मंच संचालक से माईक अपने हाथ में लेकर उनकी क्लास ले ली। ‘रावण’ ने चुटीले अंदाज में कहा कि मंच संचालन ठीक से करना चाहिए यदि मैं आपको अग्रवाल की बजाय दंडवत यादव कहूं तो कैसा रहेगा इसके बाद अभिनेता ने किसी दूसरे योग्य व्यक्ति से मंच संचालन कराने की नसीहत दी। हालांकि जब आशुतोष राणा ने यह कहा तो सभी जोर-जोर स्रे हंसने लगे और माहौल हंसी में परिवर्तित हो उठा था।

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