विशेषज्ञों की अलग-अलग राय के बीच बड़ा सवाल, कोरोना की दूसरी लहर का पीक कब होगा और कब घटेंगे केस !

लखनऊ. कोरोना हर रोज और विकराल रूप लेता जा रहा है। यूपी में गांव-गांव कोरोना पहुंच चुका है। शुक्रवार को एक दिन में रिकॉर्ड 372 की मौतें हुईं। संक्रमण के 28,076 नए मामले सामने आए। इस बीच चिकित्सा विशेषज्ञ ने राहत भरी खबर भी दी है। कहा जा रहा है कि यूपी में 25 मई के बाद सभी जगह संक्रमण का ग्राफ तेजी से गिरेगा। हालांकि, इसके पहले 15 मई का अनुमान व्यक्त किया गया था। ऐसे में बड़ा सवाल है कि कोरोना की दूसरी लहर का पीक कब होगा और कब नए कोरोना मामले घटना शुरू होंगे और कब मौतों के आंकड़े में कमी आएगी। दावे कितने सही हैं? कौन किस आधार पर कोरोना संक्रमण घटने का दावा कर रहा है?

25 मई से राहत: प्रो. धीमान
उप्र के मुख्यमंत्री के सलाहकार समिति के अध्यक्ष और एसजीपीजीआइ के निदेशक प्रोफेसर डॉ. आरके धीमान का कहना है कि लखनऊ समेत अन्य जिलों में संक्रमण की दर घटी है। लेकिन गांवों में संक्रमण बढऩे से 25 मई के बाद हर जगह रोगियों की संख्या में गिरावट देखने को मिलेगी। 

15 मई को पीक: डॉ. सिंह
लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के मेडिसिन विभागााध्यक्ष डॉ. विक्रम सिंह का कहना है कि लखनऊ में संक्रमण पीक पर आ चुका है। 15 मई तक पूरे यूपी में संक्रमण पीक पर होगा। इसके बाद राहत मिलने लग जाएगी।

मई के दूसरे हफ्ते में बिगड़ेंगे हालात: डॉ. भ्रमर
अमरीका की मिशिगन यूनिवर्सिटी की महामारी विज्ञानी डॉक्टर भ्रमर मुखर्जी दुनिया की जानी-मानी वैज्ञानिक हैं। इन्हें महामारियों के आंकड़ों के आधार पर गणितीय मॉडल बनाने में महारत हासिल है। इनका कहना है कि मई के दूसरे हफ़्ते में भारत में हालात और बिगड़ सकते हैं।

अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग समय पर पीक: गुलेरिया
एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया का कहना है कि देश के अलग -अलग हिस्सों में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का पीक अलग-अलग समय में होगा। देश के पश्चिम हिस्से जिनमें महाराष्ट्र शामिल हैं वहां मामले घटना शुरु हो गए हैं। वहां 15 मई तक पीक होगा। जबकि, मध्य भारत, उत्तर भारत, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में इस महीने के अंत या अगले महीने की शुरुआत तक पीक होगा।

अब मामले में आएगी गिरावट: प्रो. विद्यासागर
भारत सरकार के मैथमेटिकल मॉडलिंग एक्सपर्ट प्रोफेसर एम. विद्यासागर का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर 7 मई को अपने पीक पर थी। अब कोरोना के मामलों में गिरावट दर्ज की जाएगी। प्रो. विद्यासागर का कहना है कि कोरोना की रफ्तार समझने के लिए औसतन सात दिन के समय में कोरोना की स्थिति देखने की जरूरत है। हर दिन कोरोना के आंकड़े घटते बढ़ते रहते हैं। इसलिए सिर्फ नंबर्स नहीं देखने चाहिए, बल्कि प्रतिदिन के मामलों के औसत पर भी गौर करना चाहिए। 

आइआइटी का दावा तो नहीं हुआ सही
आइआइटी कानपुर के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने कोरोना के पीक को लेकर कोरोना ग्राफ तैयार किया है। उन्होंने पीक की संभावित तिथि का दावा किया है। इसके पहले भी पीक टाइम और ग्राफ गिरने की तारीख का अनुमान लगाया था। उनका दावा है कि यह कोरोना वायरस सात दिन तक अधिक प्रभावी रहता है। मणीद्र ने यूपी में 20 से 25 अप्रेल तक पीक पर रहने की बात कही थी। हालांकि, 25 अप्रेल के बाद भी मामले में कोई गिरावट नहीं आयी।

कब घटेगा कोविड संक्रमण
25 मई से राहत: प्रो. धीमान, एसजीपीजीआइ
15 मई को पीक: डॉ. सिंह, डॉ. लोहिया इंस्टीट्यूट
15 मई के बाद बिगड़ेगे हालात: डॉ. भ्रमर, मिशीगन विवि
15 से पूरे देश में कोरोना का पीक: गुलेरिया, एम्स
07 मई गिरावट शुरू : प्रो. विद्यासागर, मैथमेटिकल मॉडलिंग एक्सपर्ट

खबरें और भी हैं...