भास्कर समाचार सेवा
इटावा। उधोग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल उत्तर प्रदेश के जिलाध्यक्ष आलोक दीक्षित एवं जिला महामंत्री आकाशदीप जैन बेटू के नेतृत्व में प्रान्तीय अध्यक्ष लोकेश अग्रवाल के निर्देशन से मुख्यमंत्री को सम्बोधित 10 सूत्रीय ज्ञापन जिला अभिहित अधिकारी कमालुद्दीन को व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने सौपा। ज्ञापन में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम में व्यापारियों की कठिनाइयों के निराकरण की मांग करते हुये कहा मल्टीनेशनल कंपनियों के ऑनलाइन खाद्य पदार्थ सप्लाई किये जाने वालें सामान की क्वालिटी की जांच बाजारो से दुकानदारों के भरे जा रहे सेम्पलिंग के समान के अनुपात में ही की जाए, मल्टीनेशनल कंपनी के ऑनलाइन फूड सप्लाई करने वाले डिलीवरी मैन के लिए फूड लाइसेंस अनिवार्यता की जाए, लाइसेंस रिनुअल में विलंब शुल्क लाइसेंस की तारीख समाप्त होने से 1 माह पूर्व लगाया जा रहा है जबकि विलंब शुल्क लाइसेंस की अंतिम तिथि समाप्त होने के उपरांत ही लगाया जाए। पैकिंग के सामान का सैंपल फेल होने पर रिटेलर को भी अपराधी मानकर मुकदमा चलाया जाता है जबकि पैकिंग के सामान में रिटेलर किसी तरह की कोई मिलावट नहीं कर सकता इसलिए रिटेल के व्यापारी को बिल दिखाने पर मुकदमे में अपराधी के स्थान पर गवाह बनाया जाए सजा व जुर्माना पैकिंग करने वाले पर ही लगाया जाए। फूड एक्ट के रजिस्ट्रेशन के लिए प्रत्येक जिले में 10 से 25 तक रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी है जिन्हें समाप्त कर ऑनलाइन पोर्टल पर फूड एक्ट के रजिस्ट्रेशन के लिए प्रत्येक जिले में एक रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी बनाई जाए। खाद्य कारोबार करने वाले से ट्रेनिंग के नाम पर 500 से 900 रुपये वसूल किए जा रहे हैं छोटा व्यापारी इस अनावश्यक बोझ को नहीं बर्दाश्त कर पा रहा है यदि ट्रेनिंग प्रोग्राम आवश्यक है तो सरकार की तरफ से निशुल्क ट्रेनिंग कैंप लगाया जाए।निर्माताओं से मांगी जा रही सालाना रिटर्न ऑडिट की अनिवार्यता को समाप्त किया जाए। खाद्य पदार्थों की पैकिंग पर आवश्यक सूचना के लिए माप तोल विभाग का पीसीआर एक्ट बना हुआ है जिसके माध्यम से सभी पैकिंगो पर छपी सूचना की जांच की जाती है वर्तमान में फूड एक्ट की लैब से भी पैकिंग एवं लेबलिंग एक्ट मैं खाद पदार्थों का सैंपल पास होने के बाद भी सैंपल को मिस ब्रांडेड या अघोमान घोषित किया जा रहा है। एक ही विषय पर दो विभागों से जांच सजा व जुर्माना उचित नहीं है इसलिए फूड एक्ट मैं पैकिंग एंड लेबलिंग के चालान समाप्त करने की व्यवस्था की जाए। खाद सुरक्षा और मानक अधिनियम के सभी मामलों को अदालतों में भेजा जा रहा है एक्ट में दी गई व्यवस्था के अनुसार अधिकांश मामलों को शमन शुल्क जमा करा कर समाप्त किया जा सकता है अधिकांश सभी विभागों में भी अनावश्यक मुकदमें आदि से बचने के लिए शमन शुल्क जमा कर मुकदमा समाप्त करने की व्यवस्था की गई है शमन शुल्क व्यवस्था लागू करने से सरकार पर भी अनावश्यक मुकदमों के बोझ का भार कम होगा अतः अभीहीत अधिकारी कार्यालय में शमन शुल्क जमा कराने की व्यवस्था लागू की जाए। खाद्य पदार्थों के सैंपल फेल होने पर भारी सजा व जुर्माने की व्यवस्था की गई है इसलिए सैंपल भरे जाते समय जिन बोतलों में सैंपल भरा जाता है उन्हें स्टरलाइज किए जाने की व्यवस्था की जाए तथा व्यापारी को शीशी स्टरलाइज है यह प्रमाण पत्र दिया जाए। ज्ञापन देने वालो में जिला कोषाध्यक्ष कामिल कुरैशी, संरक्षक शहंशाह वारिसी, भारतेन्दु भारद्वाज, शहर अध्यक्ष रजत जैन,जिला उपाध्यक्ष अशोक जाटव, युवा जिलाध्यक्ष पावेन्द्र शर्मा, नसीम सिद्दीकी, सैय्यद लकी, सतनाम अरोरा, हनी वारिसी, पंकज शर्मा आदि व्यापारी मौजूद रहे।