बहराइच
जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर में भारत पाक सीमा नियंत्रण रेखा के निकट पाक घुसपैठियों से हुई मुठभेड़ के दौरान शहीद सैनिक सरबजीत सिंह का पार्थिव शरीर रविवार को पैतृक गांव सिक्खनपुरवा पहुंचा। शहीद सैनिक का पार्थिव शरीर उसके घर पहुंचते ही जहां परिवारी जनों में कोहराम मच गया वही गांव से भीषण ठंड के बावजूद भारी तादाद में पुरुष महिलाओं और बच्चों की भीड़ शहीद सैनिक का अंतिम दर्शन करने उमड़ पड़ी। भीड़ बीच-बीच में नारे भी लगा रही थी जब तक सूरज चांद रहेगा सरबजीत तुम्हारा नाम रहेगा।
मालूम हो कि गुरुवार की शाम पाक घुसपैठियों से लोहा लेते हुए रिसिया थाना क्षेत्र के ग्राम चिकन पुरवा निवासी सुरेंद्र सिंह के बेटे सरबजीत सिंह ने अपनी शहादत दी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि वर्ष 2018 में सरबजीत का चयन सेना में हुआ था और उसके बाद से वह विभिन्न क्षेत्रों में देश की सरहद की सुरक्षा कर रहा था गुरुवार को उनके बेटे ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। उन्होंने बताया कि जवान बेटे को खोने का गम जरूर लेकिन इस बात का गर्व भी है कि उनका बेटा सरहद की सुरक्षा करते शहीद हुआ।
इस मौके पर तहसीलदार मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात रहे आने जाने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए पुलिस बल की भी तैनाती की गई। शहीद सैनिक के पार्थिव शरीर के साथ सेना की एक टुकड़ी भी आई थी सभी ने शहीद सैनिक को सशस्त्र सलामी दी।