बढ़ती महंगाई से लड़खड़ाया गृहस्थी का बजट, घरेलू गैस सिलेंडर के दाम 1030 रुपए

दिनोंदिन बढ़ रही महंगाई के चलते मध्यम व निम्न श्रेणी के लोगों की दिनचर्या बदल दी है। गैस सिलेंडर के दाम इन दिनों आसमान पर है। इन्हें घर लाने से पहले पैसे के इंतजाम में एक लंबा समय बिताना पड़ रहा है। कई बार तो पैसे नहीं होने के कारण लोगों को कंडे व लकड़ी का जुगाड़ कर चूल्हा से खाना बनाना पड़ रहा है। परंतु अब तो कंडे और लकड़ी भी मिलना मुश्किल हो गया है।

ऐसे में मात्र एक सहारा गैस सिलेंडर का बन जाता है। परिवार के मुखिया के आंसू महंगाई को सुनकर निकल रहे हैं। सिलेंडर के दाम ने घर का बजट बिगाड़ कर रख दिया है। गृहिणी सुनीता, दीपा, त्रिवेणी, दमयंती, केसर, वाणी, दसोदा, संतोषी, दीपमाला, ज्योति आदि ने बताया कि घर में दबाव रहता है कि सिलेंडर का उपयोग कम करें। लेकिन हमें खाना बनाना ही पड़ता है। उसमें तो सिलेंडर खपत होगी ही। उनका भी कहना सही है। कीमत लगातार बढ़ रही है। देखते ही देखते हजार रुपए पार हो गया है।

जाने घरेलू गैस सिलेंडर के दाम

इनमें से कुछ महिलाओं ने कहा कि पहले तीन बार दिनभर में खाना बनाते थे, परंतु अब सुबह और रात करके मात्र दो बार ही भोजन तैयार होता है। उसी में ही ठंडा गरम करके खाना पड़ता है। आज से 12 साल पहले 2010 में गैस सिलेंडर की कीमत मात्र 281 रुपए थी। इस एक दशक में 3 गुना से भी अधिक बढ़ोतरी हो गई है। उस समय सिलेंडर का उपयोग कम था, परंतु केंद्र के मोदी सरकार ने चूल्हा फूंकने वाली महिलाओं की समस्या को ध्यान में रखते हुए 1 मई 2016 को प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की शुरुआत की और करोड़ों परिवार को इस योजना से जोडक़र घर-घर मुक्त सिलेंडर व चूल्हा पहुंचाई।

इन 5 सालों में इनकी डिमांड भी बढ़ी और दाम बढ़ते गए। वर्तमान में 1030 रुपए में सिलेंडर मिल रहा है। विद्यार्थी अर्चना, मोतिम, पार्वती, निशा, दुर्गेश, महेंद्र, देवेश ने बताया कि पहले घर में तरह-तरह के व्यंजन बनते थे। अब त्योहारों में भी रोटी की मात्रा में कटौती हो गई है। जो जरूरी है, वही बनते हैं।

पहले शहरों में ही सिलेंडर चूल्हा से खाना बनता था, परंतु अब गांव में भी बन रहे हैं। इससे सुविधा जरूर हुई है लेकिन लगातार दाम बढऩे से लोग दिक्तत में आ गए हैं। परिवार के मुखिया गोकुल साहू, हीरामन साहू, रवि शंकर वर्मा, देवनारायण निषाद, भीखम सोनकर, विष्णु जांगड़े, राजू शर्मा ने बताया कि तेल, गैस,राशन के सामान, भवन निर्माण सामग्री, डीजल-पेट्रोल सबकी कीमतें बढ़ी हुई है। अभी भी माक(०८- २३)

घरेलू गैस सिलेंडर के दामों ने लोगों में मचाई त्राहि-त्राहि

दिनोंदिन बढ़ रही महंगाई के चलते मध्यम व निम्न श्रेणी के लोगों की दिनचर्या बदल दी है। गैस सिलेंडर के दाम इन दिनों आसमान पर है। इन्हें घर लाने से पहले पैसे के इंतजाम में एक लंबा समय बिताना पड़ रहा है। कई बार तो पैसे नहीं होने के कारण लोगों को कंडे व लकड़ी का जुगाड़ कर चूल्हा से खाना बनाना पड़ रहा है। परंतु अब तो कंडे और लकड़ी भी मिलना मुश्किल हो गया है। ऐसे में मात्र एक सहारा गैस सिलेंडर का बन जाता है। परिवार के मुखिया के आंसू महंगाई को सुनकर निकल रहे हैं।

बेतहाशा बढ़ी महंगाई से गृहस्थी का बजट बिगड़ा

सिलेंडर के दाम ने घर का बजट बिगाड़ कर रख दिया है। गृहिणी सुनीता, दीपा, त्रिवेणी, दमयंती, केसर, वाणी, दसोदा, संतोषी, दीपमाला, ज्योति आदि ने बताया कि घर में दबाव रहता है कि सिलेंडर का उपयोग कम करें। लेकिन हमें खाना बनाना ही पड़ता है। उसमें तो सिलेंडर खपत होगी ही। उनका भी कहना सही है। कीमत लगातार बढ़ रही है। देखते ही देखते हजार रुपए पार हो गया है। इनमें से कुछ महिलाओं ने कहा कि पहले तीन बार दिनभर में खाना बनाते थे,

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