भारतीय वायुसेना की अफसर एयर मार्शल साधना सक्सेना नायर सोमवार को मिलिट्री हॉस्पिटल सर्विस की डायरेक्टर जनरल (DG) बनाई गईं। साधना इस पद को संभालने वाली पहली महिला अधिकारी बन गईं हैं। इसके अलावा साधाना वायुसेना की दूसरी महिला मेडिकल ऑफिसर हैं, जो एयर मार्शल रैंक तक पहुंची हैं।
साधना को एयर फोर्स ट्रेनिंग कमांड बेंगलुरु हेडक्वार्टर से दिल्ली प्रमोशनल ट्रांसफर किया गया है। वहीं उनके पति केपी नायर 2015 में इंस्पेकशन एंड फ्लाइट सेफ्टी के DG पद से रिटायर हो चुके हैं। इस तरह साधना और केपी नायर एयर मार्शल रैंक तक पहुंचने वाले देश के पहले कपल बन गए हैं।
कौन हैं साधना नायर?
वायु सेना अधिकारी साधना नायर ने पुणे के आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है। इसके बाद उन्होंने दिसंबर 1985 में इंडियन एयर फोर्स जॉइन की। उन्होंने फैमिली मेडिसिन में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। साधना ने 2 साल तक दिल्ली एम्स के ट्रेनिंग प्रोग्राम में भाग लिया। उन्होंने स्विट्जरलैंड में रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल, परमाणु वारफेयर और मिलिट्री मेडिकल एथिक्स की पढ़ाई की है।
तीन पीढ़ियों का वायुसेना से संबंध
एयर मार्शल साधना नायर के परिवार का 3 पीढ़ियों से एयर फोर्स से संबंध है। साधना के पिता और भाई भी इंडियन एयर फोर्स में डॉक्टर थे। उनका बेटा वायु सेना में फाइटर पायलट (फ्लाइट लेफ्टिनेंट) पद पर तैनात है।
एयर मार्शल रैंक की दूसरी महिला अफसर
साधना नायर के प्रमोशनल ट्रांसफर के बाद वो दूसरी महिला अधिकारी बन गईं हैं, जिन्होंने एयर मार्शल रैंक हासिल की है। उनसे पहले ये उपलब्धि एयर मार्शल पद्मा बंदोपाध्याय ने हासिल की। पद्मा ने 2002 में एयर मार्शल रैंक पर तैनात की गईं थीं। इसके अलावा थ्री-स्टार रैंक तक पहुंचने वाली नौसेना की सर्जन वाइस एडमिरल पुनिता अरोड़ा थीं, जो कि रिटायर हो चुकीं हैं।
कनितकर हैं सेना के पहले थ्री-स्टार कपल
साधना-केपी नायर से पहले कनितकर कपल पहले थ्री-स्टार सैन्य अधिकारी कपल थे। कनितकर कपल 2020 में आर्म्ड फोर्सेस में थ्री-स्टार अधिकारियों का उच्च पद हासिल करने वाले पहले जोड़े बने थे। सेना में लेफ्टिनेंट जनरल माधुरी कनितकर ने तब अपने पति लेफ्टिनेंट जनरल राजीव कनितकर के साथ यह उपलब्धि हासिल की थी। उनके पति राजीव 2017 में क्वार्टर मास्टर जनरल पद से रिटायर हुए थे और माधुरी एक डॉक्टर हैं।
महिलाएं सेना में तैनात हो रहीं, लेकिन कुछ विंग में नहीं
महिला चिकित्सा अधिकारियों को पहले से ही आर्म्ड फोर्सेस में स्थायी कमीशन मिल रहा है, जबकि दूसरे विंग में स्थिति अलग है। अब सेना में लैंगिक असमानता को समाप्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद यह हो रहा है। महिला अधिकारी अब लड़ाकू विमान उड़ा रही हैं, फर्स्ट लाइन के युद्धपोतों पर सेवा दे रही हैं। तोपखाने रेजिमेंट में हॉवित्जर और रॉकेट सिस्टम संभाल रही हैं।
वायु सेना में 17 महिला अफसर ऐसी हैं जो मिग-21, सुखोई-30MKI और राफेल जैसे सुपरसोनिक फाइटर जेट उड़ा रही हैं। इनके अलावा थल, जल और नौसेना के लिए 145 महिला सैन्य अधिकारी हेलिकॉप्टर और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट उड़ाती हैं। वहीं, 30 महिला अधिकारी फ्रंटलाइन वॉरशिप में तैनात हैं। सेना की मुख्य इंफिन्ट्री, हथियारों से लैस वाहनों, बख्तरबंद कोर, टैंक-ट्रक और थल सेना के कई विंग में महिला अधिकारियों को शामिल करने के लिए कदम नहीं उठाया गया है। इसी तरह नौसेना में पनडुब्बियों में भी महिला सैन्य अधिकारियों को तैनात नहीं किया जा रहा है।