मृत्यु को अपनाने का हौसला दुर्जन प्रवृत्ति का मानव कतई नहीं कर सकता। ऐसी ही कुछ परिस्थिति है निर्भया के अपराधियों की। दुष्कर्म के ये सभी दोषी अपनी मृत्यु से इस कदर भयभीत हो चुके हैं कि वह खाना-पीना तो दूर सोना भी भूल गये हैं। दरअसल, हैदराबाद गैंगरेप एनकाउंटर के बाद से ही दिल्ली की निर्भया के सभी बचे हुए अपराधियों अक्षय, मुकेश, विनय और पवन को फाँसी देने की माँग बुलंद हो गई है। वहीं इन सभी आरोपियों की दया याचिका पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी मौन साधे हुए हैं।
ऐसे में तिहाड़ जेल में रखे गये ये सभी अपराधी इस उधेड़बुन में हैं कि अब उनके साथ क्या होने वाला है ? जानकारी के अनुसार शायद इन सभी को अपनी फाँसी की सूचना मिल चुकी है, जिसके कारण ही इन चारों अपराधियों की रातों की नींद और दिन का सुकून छिन गया है। मृत्यु के भय से यह सभी खाना-पीना और सोना भी छोड़ चुके हैं।
निर्भया गैंगरेप के 3 दोषियों अक्षय, मुकेश और मंडोली को तिहाड़ की जेल नंबर-2 के वॉर्ड नंबर-3 में सेल-3 में रखा गया है, जबकि चौथे कैदी विनय शर्मा को जेल नंबर-4 में रखा गया है। तिहाड़ जेल में फाँसी की कोठरी और अन्य चीजों की तैयारियाँ शुरू कर दी गई हैं। सूचना के अनुसार दोषियों को 16 दिसंबर, 2019 को जिस दिन 2012 में यह दुर्दांत दुर्घटना हुई थी, उसी दिन या फिर 29 दिसंबर, 2019 को जिस दिन पीड़ित निर्भया की मृत्यु हुई थी, उस दिन फाँसी पर लटकाया जा सकता है। मृत्यु का डर इन चारों दोषियों को सोने नहीं दे रहा है। यह अपनी-अपनी सेल में रात भर चक्कर काटते नज़र आ रहे हैं।
तिहाड़ जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार चारों दोषियों में से किसी को भी कोई दवा नहीं दी गई है, परंतु इन्हें तरल पदार्थ और ठोस भोजन इस तरह से दिया जा रहा है कि इनका रक्तचाप सही रहे और इन दोषियों की फाँसी मुकर्रर होने पर किसी प्रकार की कोई बाधा न आये। इस वरिष्ठ अधिकारी का यह भी कहना है कि इन सभी दोषियों को फाँसी देने वाली रस्सी बक्सर से मँगवाई जाने वाली है, क्योंकि इस जेल में फाँसी के योग्य रस्सियाँ कम हैं। बक्सर प्रशासन से संपर्क करके फाँसी देने के लिये 10 स्पेशल रस्सियाँ मँगवाईं गई हैं। इतना ही नहीं, अधिकारी के अनुसार फाँसी देने के लिये जल्लाद को यूपी, महाराष्ट्र या फिर पश्चिम बंगाल से बुलाया जा सकता है।