कल्लू वर्मा
मथुरा(वृंदावन)प्रख्यात भजन गायक गोलोकवासी बाबा रस का पागल द्वारा स्थापित संत सेवा परम्परा का निर्वहन अब अनवरत रूप से चलता रहेगा। आश्रम की संपत्ति को लेकर उठे विवाद का संतो की पहल के बाद पटाक्षेप हो गया है। अपनी अलमस्त गायकी से देश विदेश में बांकेबिहारी के नाम का गुणगान करने वाले प्रख्यात भजन गायक बाबा रस का पागल का दिसंबर महीने में गोलोवास हो गया था। बाबा ने मृत्यु से पूर्व मीडिया के समक्ष अपने एक बयान में संपत्ति को लेकर बाबा मोहिनी शरण पागल को उत्तराधिकारी घोषित किया था। तब से आश्रम का संचालन सुचारू रूप से चल रहा था।लेकिन अभी कुछ दिनों पूर्व संपत्ति को लेकर विवाद की खबरे एक बार फिर सामने आयी।जिस पर बाबा मोहिनी शरण पागल ने अपने बयान से विराम लगा दिया है। बाबा मोहिनी शरण पागल का कहना है कि पिछले दिनों आश्रम के संचालन को लेकर कुछ गलतफहमी पैदा हो गयी थी।जिसे संत समाज द्वारा पहल कर स्पष्ट कर दिया गया है। आश्रम में बाबा रस का पागल द्वारा स्थापित सन्त सेवा परम्परा का निर्वहन श्री हरिदासीय पद्वति से होता रहेगा।