पिछले दो साल से दुनिया कोरोना संक्रमण से परेशान है. देश और मध्यप्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर चल रही है जिसने व्यापक कोहराम मचाया है. इससे पहले कोरोना की पहली और दूसरी लहर ने भी जबर्दस्त तबाही मचाई थी. राहत की बात यह है कि विशेषज्ञों के मुताबिक अब यह संक्रमण अंत की कगार पर है. दावा किया जा रहा है कि इसकी अन्य कोई लहर अब नहीं आएगी.
इंदौर के एमजीएम मेडिकल कालेज के डीन और सामुदायिक चिकित्सा विशेषज्ञ डा. संजय दीक्षित और उनकी टीम ने ये दावा किया है. चिकित्सकों की ये टीम कोरोना की पहली, दूसरी और तीसरी लहर को लेकर लगातार और गहराई से अध्ययन कर रही है। अध्ययन के निष्कर्षों के आधार पर टीम ने दावा किया है कि कोरोना की तीसरी लहर अंतिम लहर होगी। हालांकि तीसरी लहर के बाद कोरोना पूरी तरह से खत्म नहीं होगा लेकिन इसके लक्षण बेहद सामान्य होंगे.
डा. दीक्षित के अनुसार कोरोना टीकाकरण और अधिकांश लोगों के संक्रमित होने से अब हार्ड इम्युनिटी विकसित होने लगी है। जिन लोगों ने कोरोना के दोनों टीके लगवा लिए हैं, उनके शरीर में बनी एंटीबाडी कोविड का हमला होने पर आसानी से वायरस से लड़कर उसे खत्म कर रहा है। यही वजह है कि संक्रमित होने के बावजूद व्यक्ति में कोई लक्षण नजर नहीं आते।
तीसरी लहर में यह दिख भी रहा है. तीसरी लहर में कोरोना की पहली और दूसरी लहर के मुकाबले ज्यादा लोग संक्रमित हुए, लेकिन इनमें अधिकांश घर में ही ठीक हो गए. संक्रमितों मेें से इक्का-दुक्का को ही अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ी। विशेषज्ञों के अनुसार हार्ड इम्युनिटी की वजह से ही ऐसा हुआ है।
डा. संजय दीक्षित के मुताबिक अब तक हुए अध्ययन के आधार पर कहा जा सकता है कि तीसरी लहर संभवत: कोरोना की अंतिम लहर है। अब भविष्य में कोरोना की लहरें नहीं आएंगी। हालांकि सर्दी-जुकाम चलता रहेगा लेकिन यह बहुत ज्यादा खतरनाक नहीं रहेगा। कोरोना को सामान्य फ्लू की तरह मान लिया जाएगा और इसका सामान्य दवाओं से इलाज हो सकेगा।