जिस घर में रामायण का ज्ञान नही वह परिवार अधूरा है: ठाकुर देवकीनंदन महाराज

भास्कर समाचार सेवा

सिकंदराबाद। नगर के रामलीला ग्राउंड में चल रही रामकथा में कथावाचक देवकीनंदन महाराज ने कहा कि घर में रामायण का ज्ञान नहीं वह घर परिवार अधूरा है जब श्री राम सीता जी से विवाह अयोध्या में पहुचते है तो मंथरा राजा दशरथ की तीसरी पत्नी केकई के कान भरती है कहती है कि श्री राम अयोध्या के राजा बनेंगे और तुम्हारा बेटा सेवक इस बात को लेकर केकई परेशान हो जाती है । और भरत को राजा बनाने के लिये राजा दशरथ से वचन मांग लिये की राम को 14 का वनवास दो राजा यह सुनकार चकित रह गए। केकई के कहने पर राम को 14 वर्ष का वनवास दे दिया यह प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भावुक हो गए। कथावाचक ठाकुर देवकीनंदन महाराज कथा ने कथा के छठे दिन सीता राम विवाह के बाद जब घर पहुंचते हैं । कैकई के मंथरा कान भर देती है कि अब राम अयोध्या के राजा बनेंगे औयर तुम्हारा भरत सेवक इस बात को सुनकर कैकई माता सोच में पड़ गई और राजा दशरथ से राम के लिये चौदह वर्ष का वनवास मांग लिया यह सुनकर राजा चकित रह गए । राजा कैकई से बहुत प्रेम करते थे उनकी बात को टाल नही सकते थे ।यह सुनकर राजा बड़े दुखी बड़े दुख और राम को 14 वर्ष का वनवास दे माता कौशल्या को श्री राम के वनवास जाने पर बहुत दुःख हुआ वही अयोध्या के लोगों में मायूसी छा गई राम के साथ सीता माता व लक्ष्मण ने भी बन जाने की ठान ली जब वह वन जा रहे थे तो अयोध्या वासियों ने उन्हें वैन जाने से रोका लेकिन राम के कहने पर सब लोग मान गए । और राम जी 14 वर्ष के लिए वन चले गए सीता माता व लक्ष्मण के साथ चले गए । श्री राम के वन जाने पर अयोध्या में मायूसी छा गईं। श्री राम के वन जाने पर कथा सुनाते समय कथा वाचक देवकीनंदन महराज भी भावुक हो गए जिन्हें देकर श्रोताओं की भी आंखें भर आई और पूरे पंडाल श्री राम के नारों से गूंज उठा।इस मौके पर अध्यक्ष हरिओम पंसारी, सचिव सजल गर्ग ,नवनीत सिंघल,तरुण गर्ग गेसुपुर वाले ,सौरव गर्ग पंसारी,तरुण गर्ग बर्तन वाले,सचिन गर्ग,मोनू वर्मा रामप्रकाश बंसल,टीटू वर्मा,मनोज गर्ग ,पंडित मुकेश शर्मा, कमल किशोर गुप्ता का कथा में विशेष सहयोग रहा ।

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