झारखंड के पलामू बालिका गृह में बच्चियों से यौन शोषण का मामला सामने आने के बाद इसके संचालक रामप्रताप गुप्ता और महिला काउंसलर प्रियंका कुमारी को जेल भेज दिया गया है। बालिका गृह को सील कर यहां की बच्चियों को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया है। सीडब्लूसी और जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी पर कार्रवाई की गयी है।
इस बीच बीस सूत्री पलामू की उपाध्यक्ष विमला कुमारी ने बुधवार को सनसनीखेज खुलासे करते हुए कहा कि पलामू बालिका गृह में पिछले चार वर्ष से यौन शोषण का खेल चल रहा था। जांच के बाद कार्रवाई के लिए शिकायत की गयी थी, लेकिन पलामू के तत्कालीन डीडीसी एवं डीएसडब्लूओ ने कार्रवाई के नाम पर केवल कोरम पूरा किया था। इस मामले में दोनों की भूमिका संदेहास्पद है। ऐसे में इन दोनों की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। उन्होंने बालिका गृह और कस्तूरबा विद्यालय की निगरानी के लिए स्पेशल कमिटी बनाने की मांग की।
विमला ने पत्रकारों को बताया कि बालिका गृह को लेकर कई शिकायतें मिली थी। 16 मार्च 2023 को बालिका गृह की जांच की थी। कई गड़बड़ियां पायी गयी। मामले को उठाया, लेकिन पलामू की तत्कालीन समाज कल्याण पदाधिकारी संध्या रानी ने अपने स्तर से जांच कर बालिका गृह को क्लीन चीट दे दी थी, तब तत्कालीन डीसी तक मामले को पहुंचाया गया। डीसी ने डीडीसी से जांच रिपोर्ट मांगी, लेकिन डीडीसी ने मामले को रफा दफा कर दिया। जांच के क्रम में डीडीसी ने कुछ कागजात और सीसीटीवी का डीबीआर जब्त किया था। उसकी भी जांच की जाए। कार्रवाई के नाम पर सिर्फ वहां की वार्डन को हटाने का निर्देश बालिका गृह को दिया गया था।
विमला ने बताया कि एक बच्ची जिसके दो और नाबालिग भाई-बहन थे। उसे गढवा से रेस्क्यू कर डालटनगंज के दिव्यांग स्कूल में रखा गया था। किसी कारण से स्कूल बंद होने के बाद दोनों बच्ची को बालिका गृह में रखा गया, जब बच्ची बालिग हो गयी तो उसे किसी अंजान व्यक्ति के हाथों शादी के नाम पर पैसे लेकर बेच दिया गया, जबकि कानूनी रूप से अनाथ बच्ची होम में रहते हुए अगर बालिग होती है तो उसके कानूनन अभिभावक एसडीओ या डीडीसी होते हैं, लेकिन इसकी अनदेखी की गयी।
विमला ने कई अन्य घटना क्रम पर भी सवाल उठाये और बालिका गृह को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने बताया कि पांच महीने पहले बालिका गृह से दो नाबालिग सगी बहने फरार हो गयी थीं। दोनों को अघोर आश्रम रोड से बरामद की गयी थी। बड़ी बहन के साथ बालिका गृह में दुराचार हुआ था। छोटी इसकी आइविटनेस थी। दो दिन बाद उसकी मौत हो गयी। मामले को रफा दफा करके पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मिर्गी बता दिया गया। इसकी पुनः जांच होनी चाहिए।
विमला कुमारी ने इस पूरे प्रकरण की जांच की मांग मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं विधायक कल्पना सोरेन से की है, ताकि घटना की पुनरावृति न हो।