अरब सागर में उठा भीषण चक्रवात ‘महा’ अब रास्ता बदलकर गुजरात के दक्षिण तटीय भागों की ओर बढ़ता नजर आ रहा है। अभी यह पोरबंदर से पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम में 660 किलोमीटर दूर है। यह जल्द ही पूर्वी उत्तर-पूर्वी दिशा में बढ़ते हुए 7 नवंबर की सुबह तक पोरबंदर के आसपास से लैंडफॉल करेगा। इसके चलते मध्य प्रदेश में भी मौसम बदलेगा। राज्य में भारी से अति भारी बारिश की संभावना को देखते हुए मौसम विभाग पहले ही अलर्ट जारी कर चुका है।
वहीं इस बीच बंगाल की खाड़ी में नया चक्रवाती तूफान बुलबुल भी बनता नजर आ रहा है। इन दोनों तूफानों का असर मध्य प्रदेश के कई जिलों में 7 और 8 नवम्बर को मूसलाधार बारिश की चेतावनी जारी की गई है। गुजरात की सीमा से लगे मध्य प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में ज्यादा बारिश होने की संभावना भी जताई जा रही है।
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक पीके साहा ने बताया कि मौसम प्रणाली के चलते एक ट्रफ रेखा उत्तर पूर्वी अरब सागर से होते हुए पश्चिमी मध्य प्रदेश तक बनी है, जिसके कारण अगले 24 घंटों के दौरान पश्चिम मध्य प्रदेश में बादल बढ़ जाएंगे। अनुमान है कि बुधवार शाम से उज्जैन, रतलाम, खरगोन सहित पश्चिमी मध्य प्रदेश में वर्षा देखने को मिलेगी। पश्चिमी मध्य प्रदेश में बादल अगले दो-तीन दिनों तक बने रहेंगे। हवाएं भी चलती रहेंगी और अधिकांश स्थानों पर हल्की वर्षा होने कि संभावना है। धार, रतलाम, शाजापुर सहित आसपास के भागों में भी कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। ग्वालियर में भी बारिश हो सकती है।
पूर्वी मध्य प्रदेश में चक्रवाती तूफान का प्रभाव नहीं रहेगा क्योंकि गुजरात पर लैंडफॉल के समय से ही तूफान कमजोर हो जाएगा जिससे पूर्वी मध्य प्रदेश इन बारिश की उम्मीद फि़लहाल दिखाई नहीं दे रही है। रीवा, सतना, सागर, खजुराहो सहित पूर्वी मध्य प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा। इससे तापमान में कमी आएगी।
अगले 24 घंटों में गुजरात पहुंच जाएगा तूफान ‘महा’
मौसम विभाग चक्रवाती तूफान ‘महा’ को अत्यधिक गंभीर तूफान की श्रेणी में रख रहा है. यह तूफान लगातार 21 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है. अभी यह गुजरात के पोरबंदर से 480 किलोमीटर दूर है. वहीं, गुजरात के वेरावल और दीव से 570 किलोमीटर दूर है. अगले 24 घंटों में यह तूफान गुजरात के तटीय इलाकों और दीव तक पहुंच जाएगा. आशंका है कि इस दौरान तूफान की गति 80 किलोमीटर प्रति घंटे होगी और हवाएं 90 किलोमीटर की गति से हवाएं चलेंगी. 6 से 8 नवंबर तक अरब सागर में तेज लहरें उठने की संभावना है. गुजरात और महाराष्ट्र के मछुआरों को समुद्र में न जाने की चेतावनी दी गई है. हालांकि, मौसम विभाग ने यह भी उम्मीद जताई है कि 8 नवंबर तक यह तूफान धीरे-धीरे कमजोर पड़ जाएगा.
महा तूफान और बुलबुल पर एक नजर
-दो तूफान भारत की तरफ बढ़ रहे हैं। एक बुलबुल दूसरा महा तूफान।
-बुलबुल इस वर्ष का 7वां चक्रवाती तूफान होगा।
-मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक यह तूफान उत्तरी अंडमान सागर में एक निम्न दबाव के क्षेत्र बनने से विकसित हुआ है।
– उम्मीद की जा रही है कि यह सिस्टम पश्चिम और उत्तर पश्चिम दिशा में चला जाएगा।
-खासकर 5 और 6 नवम्बर को यह बंगाल की खाड़ी के मध्य-पूर्व पर डिप्रेशन का क्षेत्र बना सकता है।
-इस कारण कई राज्यों तक दो से चार दिनों तक बारिश देखी जा सकती है।
-मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक आने वाले 6 से 7 दिनों यह सिस्टम खाड़ी में बना रहेगा।