मोहनलालगंज/ लखनऊ। मोहनलालगंज कोतवाली के भसण्डा मजरा उमेदाखेड़ा गांव निवासी पुष्पा यादव ने बताया उसके पति रामसागर यादव की कृषि योग्य भूमि खरीदने के लिये भानु प्रताप सिंह सबुआ जनपद गाजीपुर के रहने वाले ने डेढ साल पहले विभिन्न तिथियों में 5 लाख 50 हजार रूपये किसान के खाते में व आठ लाख रूपये नगद बयाने के तौर पर दिया था, लेकिन काफी दिनों तक जमीन रजिस्ट्री नहीं करायी, बीते 16अक्टूबर को भानुप्रताप ने मोहनलालगंज कोतवाली पहुंचकर किसान रामसागर पर जमीन रजिस्ट्री के लिये पैसे ना वापस करने का आरोप लगाते हुये तहरीर दिया था।
तो किसान ने कोतवाली पहुंचकर बिक्रेता से अपनी भूमि की मौजूदा कीमत के हिसाब से पैसे देने की बात कही तो क्रेता भानुप्रताप ने आधी कीमत में जमीन लेने का दबाब बनाया तो किसान ने मना करते हुये क्रेता के खाते में 5 लाख 50 हजार रूपये बीते मगंलवार को आरटीजीएस के जरिये भानुप्रताप के खाते में वापस कर दिये और बाकी आठ लाख रूपये तीन माह में वापस करने की दारोगा की मौजूदगी में लिखापढी कर दी थी।
पीड़ित किसान की पत्नी पुष्पा ने आरोप लगाते हुये बताया गुरूवार को दारोगा ने पति रामसागर को जबरन कोतवाली बुलाकर भानुप्रताप समेत आठ-दस लोगों की मौजूदगी में पति को डरा धमकाकर बेशकीमती जमीन को आधे रेट में रजिस्ट्री करने का दबाव बनाया रजिस्ट्री ना करने पर मुकदमा लिखकर जेल भेजने की धमकी दी और थाने पर बैठा लिया ।
जब इस पूरे मामले की भनक पिडित की पत्नी और उसके परिजनों को हुई तो उन्होने तहसील पहुंचकर बैनामा रूकवाने के साथ विपक्षीगणों के चुंगल से पति को मुक्त करवाया। पिडित की पत्नी पुष्पा ने बताया कि विपक्षी भानु प्रताप सिंह शासन सत्ता की ऊंची पहुंच का हवाला देकर धमकाते हैं और विपक्षीगाणों से मेरे पति की जान माल का खतरा बना कोई भी अप्रिय घटना घटित हो सकती है , पीड़ित किसान की पत्नी पुष्पा यादव ने पूरे मामले की सीएम जनसुनवाई पोर्टल समेत उच्चाधिकारियों से लिखित शिकायत कर पूरे मामले की कठोर कार्यवाही की गुहार लगाई है।
एडीसीपी दक्षिणी जोन शंशाक सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है पूरे मामले की जांच की जा रही है दोषी पाए जाने वालों पर कार्यवाही की जायेगी।
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