
मेरठ। मनोज हत्याकांड में चार साल से फरार चल रहे हत्यारोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपी पर 50 हजार का इनाम था और वह ब्रहमपुरी थाने से वांछित था। कत्ल करने के बाद आरोपी मुम्बई भाग गया था। उसके बाद हैदराबाद के तेलांगना चला गया और वही अपने दोस्त के साथ मिलकर काम करने लगा। गुरुवार को आरोपी हैदराबाद से मेरठ अपने दोस्तों से मिलने आया था। वह अपने मां-बाप से मिलकर हैदराबाद वापस जाने की तैयारी कर रहा था, तभी मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने उसको दबोच लिया। एएसपी ब्रहमपुरी विवेक यादव बताया, प्रताप सिंह पुत्र स्व. गिरीराज निवासी गौरीपुरा थाना ब्रहमपुरी ने गत 22 सितंबर को अपने पुत्र मनोज कुमार (35) के लापता होने की गुमशुदगी दर्ज करायी थी। पुलिस ने जब जांच शुरू की तो मोहल्ले के ही प्रमोद कुमार ने बताया कि पड़ोसी सुमरु की रिक्शा में बैठकर कोठला में फिरोज सट्टे वाले के पास गया है। सुमरु से जानकारी की गयी तो सामने आया कि वह मनोज कुमार को फिरोज के यहां छोड़कर चला गया था। उसके बाद 3 अक्टूबर 18 को फिरोज व इमरान पुत्रगण सलीम निवासी पत्ते वाली गली थाना देहलीगेट के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया। 9 अक्टूबर को मनोज कुमार का शव जानी गंगनगर से बरामद हुआ था। शव मिलने के बाद यह केस हत्या में तरमीम हो गया। एएसपी ने बताया, विवेचना के दौरान रामबाबू पुत्र रामब्रिज पासवान निवासी सिंगावारा जिला दरभंगा विहार हाल पता पत्ते वाली थाना देहली गेट, रहीम पुत्र मईनुद्दीन निवासी थाना गांधीनगर दिल्ली, सलीम पुत्र वहाब निवासी पत्ते वाली थाना देहली गेट के नाम प्रकाश में आए। फिरोज, इमरान, रामबाबू व सलीम को पूर्व में गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है, लेकिन रहीम उसी समय से फरार चल रहा था। पुलिस रहीम के घर की कुर्की भी कर चुकी है। एएसपी ने बताया, गुरुवार को थाना ब्रहमपुरी पुलिस द्वारा एसटीएफ की सहायता से 50 हजार रुपये का ईनामिया मफरुर अपराधी रहीम को शाप्रिक्स मॉल के सामने से गिरफ्तार कर लिया। खुलासा: ऐसे हुई थी हत्या की घटना अभियुक्त रहीम ने पूछताछ के दौरान बताया, वह सलीम के यहां सट्टे की खाईबाड़ी के हिसाब-किताब के लिए मुनीमगिरी की नौकरी करता था। वर्ष 2018 में मनोज को सलीम के लड़के फिरोज ने बुलवाया था। सट्टे की खाईबाड़ी के पैसों को लेकर कुछ विवाद था। घटना के समय वह ऊपर छत पर खाईबाड़ी का हिसाब कर रहा था, तभी मनोज की फिरोज व इमरान से कहासुनी हो गयी। झगड़ा इतना बढ़ा कि फिरोज व इमरान ने मनोज को पकड़ लिया। आवाज सुनकर वह भी नीचे आ गया और उसने भी मनोज को दबोच लिया। इसी झगड़े में मनोज की मौत हो गई। घटना के बाद वह मुम्बई चला गया। मुम्बई में अपने परिवार के साथ रह रहा था, मुम्बई में ही काम भी शुरू कर दिया था। हैदराबाद तेलांगना गया और वही पर अपने दोस्त के सात काम करने लगा था।