जो भूमि नहीं उठत उठाए, वर करि कृपा सिंधु उर लाए, भ्रात प्रेम का संदेश दे गई त्रेता पौराणिक कथा लीला

जयश्री राम के जयघोष से गूंज उठा भरतमिलाप चौक

पुलिस प्रशासन को व्यवस्थाएं बनाने में लगाना पडा ऐडी-चोटी का जोर

भास्कर समाचार सेवा

कोसीकलां। अदभुत, मनोहारी, दर्शनीय , अतुलनीय। भगवान श्री राम लक्ष्मण जी का श्री भरतजी एवं शत्रुघ्न के मिलन के पल कुछ ऐसे ही थे। पुष्पक विमान ज्यौं ही भरत मिलाप चौक स्थित अयोध्या पहुंचा, जयश्री राम के जयघोष से पूरा वातावरण गूंज उठा। त्रेता युग के गौरवशाली इतिहास पर जब भाईयों की मिलन की लीला हुई तो भारत भूमि के वसुधैव कुटुबंकम का संदेश का अनौखा संदेश छोड गई। जिससे आनंदित हर घर में उसी मिलन को देखने का ख्वाब श्रद्धालुओं की आंखों में उभर आया।
भाईयों के मिलन का यह सुंदर दृश्य कोसीकलां में आयोजित हुए श्री राम भरत मिलाप का है। गुरूवार की अर्धरात्रि में पुष्पक विमान भरत मिलाप चौक पर बनाई गई अयोध्या के द्वार पर पहुंचा तो हनुमान महाराज, श्रीराम के अयोध्या आने की सूचना देने भरत के पास तब पहुंचे। हनुमान को देखकर भरतजी अति हर्षित हुए तथा उनकी आंखों से खुशी के आंसू छलक आए। जिसने राम के आने की खबर सुनी वही प्रसन्न होकर अयोध्या के प्रवेश द्वार की ओर दौड पडा। ऐतिहासिक भरत मिलाप चौक में उमडे जनसैलाब ने पैर रखने की जगह ही शेष नहीं थी। श्रद्धालुओं में अपार उत्साह देखते ही बनता था। श्रद्धालुओं ने उत्साहवश भरतजी को राम से मिलने जाने हेतु अपने कंधे से कंधा मिलाकर सेतु बना दिया। इसी से होकर भरतजी व शत्रुघ्न ने श्री रामजी से मिलने के लिए कदम आगे बढा दिए और करीब सवा मिनट के मानव सेतु पर चल भाईयों के मिलन के अदभुत क्षणों के सभी को दर्शन होते हैं। इस दौरान श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर भाईयों के मिलन का स्वागत किया।

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